कोलकाता: बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को कहा कि 2023 से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मैचों को चार दिवसीय टेस्ट के रूप में कराने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रस्ताव पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी.
चार दिवसीय टेस्ट पर जब गांगुली से ईडन गार्डन्स पर उनका नजरिया जानना चाहा तो उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले हमें प्रस्ताव देखना होगा, इसे आने दीजिए और इसके बाद हम देखेंगे. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. बिना सोचे समझे टिप्पणी नहीं कर सकते.’’
चार दिवसीय मैचों की जरूरत में कई मुद्दे भूमिका निभा सकते हैं जिसमें आईसीसी की और अधिक वैश्विक प्रतियोगिताओं के आयोजन की चाहत और बीसीसीआई की इस सत्र में अधिक द्विपक्षीय मुकाबलों की मांग है. इसके अलावा दुनिया भर में टी20 लीग का प्रसार हो रहा है और पांच दिवसीय मैच की मेजबानी में होने वाला खर्च भी शामिल है.
चार दिवसीय टेस्ट कोई नयी धारणा नहीं है. इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड और आयरलैंड ने चार दिवसीय टेस्ट खेला था. इससे पहले 2017 में दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे ने भी ऐसा ही मैच खेला था.
गांगुली ने क्रिकेट सलाहकार समिति के गठन पर भी कोई जानकारी नहीं दी जिसे राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की नियुक्ति करनी है.
बता दें कि बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर गांगुली का चयन सर्वसम्मति से हुआ है. सौरव गांगुली इस पद पर 9 महीने तक रहेंगे और उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि बीसीसीआई के नए संविधान के प्रावधानों के अनुसार छह साल के कार्यकाल के बाद एक ही व्यक्ति आगे उस पद पर नहीं रह सकते हैं. बता दें कि गांगुली इससे पहले बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे.
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