टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर टेस्ट क्रिकेट में लगातार मिल रही नाकामियों को लेकर जबरदस्त दबाव में हैं. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार, इंग्लैंड के साथ ड्रॉ और सिर्फ वेस्ट इंडीज के खिलाफ जीत, इस पूरे सिलसिले ने उनके कोचिंग कार्यकाल पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. अब इसी मुद्दे पर भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भी खुलकर अपनी राय दी है और उनकी टिप्पणी ने माहौल और गर्मा दिया है.
रवि शास्त्री ने तोड़ी चुप्पी
एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में जब शास्त्री से गंभीर के प्रदर्शन पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने किसी तरह का बचाव करने के बजाय साफ शब्दों में कहा, “मैं उन्हें प्रोटेक्ट नहीं कर रहा हूं. 100 प्रतिशत जिम्मेदारी कोच की भी होती है. अगर मेरे समय ऐसा हुआ होता, तो मैं सबसे पहले जिम्मेदारी लेता. उसके बाद मैं टीम मीटिंग में खिलाड़ियों को भी नहीं छोड़ता.”
उनका यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि भारत की हालिया टेस्ट हार में बल्लेबाजों का प्रदर्शन सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आया है.
साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट हार पर भड़के शास्त्री
शास्त्री ने गुवाहाटी टेस्ट में भारत की हैरान कर देने वाली बल्लेबाजी पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया और कड़ी टिप्पणी की. भारत वहां भी 100/1 से अचानक 130/7 पर सिमट गया था, और यही गिरावट मैच हारने का कारण बनी. शास्त्री ने कहा, “ये टीम इतनी खराब नहीं है कि अचानक ऐसी गिरावट आ जाए. खिलाड़ियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. ये वही बल्लेबाज हैं जो बचपन से स्पिन खेलते आ रहे हैं, फिर ऐसी दिक्कत क्यों?”
उनके बयान ने साफ कर दिया कि मसला सिर्फ कोचिंग का नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की मानसिकता और शॉट सिलेक्शन का भी है.
BCCI ने गंभीर-अगरकर के साथ अचानक बुलाई मीटिंग
रवि शास्त्री के बयान के बीच ही खबर आई कि BCCI ने एक अहम मीटिंग बुलाई है जिसमें शामिल होंगे,
हेड कोच गौतम गंभीर
चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर
BCCI के कुछ बड़े अधिकारी
यह मीटिंग टेस्ट टीम की लगातार गिरती परफॉर्मेंस और टीम मैनेजमेंट के कुछ फैसलों पर उठ रहे सवालों को लेकर बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.