Neeraj Chopra Profile: टोक्यो ओलंपिक का बिगुल बज चुका है और महज कुछ घंटे बाद इसका उद्घाटन समारोह शुरू हो जाएगा. देश और दुनिया के हजारों खिलाड़ी खेलों के इस महाकुंभ में भाग लेने के लिए टोक्यो पहुंच चुके हैं. भारत की तरफ से इस बार ट्रेक एंड फील्ड एथलेटिक्स में जैवलिन थ्रोअर (भाला फेंकने वाले खिलाड़ी) नीरज चोपड़ा देश के लिए मेडल जीतने की कोशिश करेंगे. 23 वर्षीय नीरज ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले युवा खिलाड़ियों में शुमार हैं और अब तक वे तमाम प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन कर चुके हैं. चलिए नीरज के अब तक के सफर पर एक नजर डाल लेते हैं.


हरियाणा की मिट्टी से निकले हैं नीरज 
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ था. उनकी पढ़ाई डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से हुई और वे इंडियन आर्मी में जूनियर कमीशंड ऑफिसर हैं. गांव से निकलकर नीरज कड़ा संघर्ष करने के बाद ओलंपिक पहुंचे हैं और 23 साल के युवा खिलाड़ी से पदक की पूरी उम्मीद है. 


एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ में जीते गोल्ड मेडल
2018 में आयोजित हुए एशियन गेम्स में नीरज चोपड़ा ने रिकॉर्ड बनाते हुए जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. वे एशियन गेम्स के उद्घाटन समारोह में भारत की तरफ से ध्वजवाहक भी बनाए गए थे. इसके अलावा 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी नीरज ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. इसके अलावा में 2016 में वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियन में ट्रैक एंड फील्ड में पदक हासिल करने वाले पहले भारतीय एथलीट बने. 


2019 में चोट के बाद की शानदार वापसी 
साल 2019 में उन्हें कंधे की चोट की वजह से 6 महीने तक अपने खेल से दूर रहना पड़ा. इसकी वजह से उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी नहीं ले पाया. साल 2020 में उन्होंने साउथ अफ्रीका में हुए सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीत दर्ज कर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था. इस वक्त वे काफी बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं और उनसे उम्मीद है कि वे ओलंपिक में ट्रेक एंड फील्ड एथलेटिक्स में मेडल जीतकर पहले भारतीय होने का रिकॉर्ड अपने नाम कर पाएंगे. 


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