Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक का पहला दिन भारत के लिए बेहद खास रहा. महिलाओं के वेटलिफ्टिंग इवेंट के 49 किलोग्राम भार वर्ग में मीराबाई चानू ने सिल्वर मे​डल जीतकर इतिहास रच दिया. यही नहीं चानू ने इस सिल्वर मेडल के साथ ही और भी कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं. वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतने वाली चानू देश की पहली महिला एथलीट हैं. इस से पहले साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में भारत की ओर से कर्णम मल्लेश्वरी ने वेटलिफ्टिंग इवेंट में कांस्य पदक जीता था. 


मीराबाई चानू देश की छठी महिला एथलीट हैं जिन्होंने ओलंपिक खेलों में मेडल जीता है. साथ ही अपने गृह राज्य मणिपुर से ओलंपिक का मेडल जीतने वाली चानू दूसरी महिला एथलीट हैं. उनसे पहले साल 2012 के लंदन ओलंपिक में एमसी मैरी कॉम ने बॉक्सिंग इवेंट में कांस्य पदक जीता था. 


मीराबाई चानू को भारत सरकार देगी 50 लाख रुपये का अवॉर्ड 


मीराबाई चानू ने स्नैच में 87 किलोग्राम भार उठाया. क्लीन एंड जर्क में मीराबाई चानू में मीराबाई चानू ने 115 किलोग्राम का भार सफलतापूर्वक उठाया और वह भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब हुई.


ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने पर भारत सरकार ने मीराबाई चानू को 50 लाख रुपये का अवॉर्ड देने की घोषणा की है. इसके अलावा मणिपुर की राज्य सरकार ने भी उन्हें एक करोड़ रुपये बतौर इनाम देने का एलान किया है. 


बचपन में बनना चाहती थी तीरंदाज


26 वर्षीय मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर की राजधानी इम्फाल में हुआ था. बचपन में चानू को तीरंदाजी का शौक था. वो इसी खेल में ही आगे अपना करियर बनाने का सपना देखती थी. हालांकि भारत की स्टार वेटलिफ्टर रही कुंजरानी देवी से प्रभावित होकर उन्होंने वेटलिफ्टिंग के खेल को अपना लिया. 


महज 11 साल की उम्र में ही एक स्थानीय वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में चानू ने पहला स्वर्ण पदक जीत अपने सुनहरे भविष्य की नींव रख दी. इसके बाद उन्होंने विश्व और एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और पदक भी जीता. उन्होंने साल 2017 में आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था. वहीं 2018 में कॉमन वेल्थ गेम्स में भी चानू ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था.


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