Tokyo Olympics 2020: ओलंपिक की समाप्ति के बाद सोमवार को एक बार फिर टोक्यो में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. साथ ही इस महामारी के दौर में इन खेलों पर हुए भारी भरकम खर्च को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं. टोक्यो ओलंपिक की समाप्ति के बाद भी कोरोना महामारी के बीच इसके आयोजन को लेकर बहस का दौर जारी है. इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (IOC) KE अध्यक्ष थॉमस बाख ने जहां समापन समारोह के बाद, दुनिया भर के लोगों को जोड़ने में इन खेलों की ताकत पर जोर दिया. वहीं The Asahi Shimbun daily, जो कि टोक्यो ओलंपिक का स्पॉन्सर भी था का मानना है कि, लगभग 1116 अरब रुपये (15 बिलियन डॉलर) का खर्चा कर आयोजित किए गए ये गेम्स लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ थे. 

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बता दें कि, The Asahi Shimbun daily, टोक्यो ओलंपिक का स्पॉन्सर होने के बाद भी शुरुआत से ही इन्हें स्थगित करने की मांग करता आ रहा था. उनके द्वारा सोमवार को जारी किए गए बयान के अनुसार, "कोरोना महामारी के बीच ये आयोजित ये ओलंपिक खेल शुरुआत से ही लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा थे. लेकिन फिर भी इन का आयोजन किया गया और हालात बद से बदतर हो गए हैं." 

जापान के 56 प्रतिशत लोग ओलंपिक गेम्स का आयोजन चाहते थे 

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The Asahi Shimbun daily, अखबार द्वारा पिछले दो दिनों में कराए गए एक पोल के अनुसार जापान के 56 प्रतिशत लोग टोक्यो ओलंपिक आयोजित किए जाने के पक्ष में थे. जबकि 32 प्रतिशत लोग इनके आयोजन के खिलाफ थे. वहीं इसी पोल के अनुसार जापान के केवल 32 प्रतिशत लोगों का ही मानना है कि ये गेम्स सुरक्षित थे, वहीं 54 प्रतिशत लोगों ने कोरोना महामारी के बीच इस ओलंपिक के आयोजन को सुरक्षित नहीं माना है. 

वहीं ब्रिटेन के ओलंपिक एसोसीएशन ने ओलंपिक खेलों के आयोजन को बेहद सफल बताया, अध्यक्ष ह्यूज राबर्ट्सन ने कहा, "इन खेलों का आयोजन बेहद ही चुनौतीपूर्ण हालात में हुआ. आयोजकों को बधाई जिन्होंने इन हालात में भी एक बेहद ही सफल ओलंपिक का आयोजन किया."

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