Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलंपिक में बजरंग पूनिया कुश्ती का ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब हुए हैं. बजरंग पूनिया हालांकि ब्रॉन्ज मेडल जीतकर खुश नहीं हैं. इसके साथ ही बजरंग पूनिया ने अपने घुटने की चोट के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया है. बजरंग पूनिया का कहना है कि डॉक्टर्स ने उन्हें नहीं खेलने की सलाह दी थी पर वह हर हाल में भारत के लिए मेडल जीतकर लाना चाहते थे.

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बजरंग पूनिया ने द फील्ड को दिए इंटरव्यू में अपनी चोट के बारे में विस्तार से बात की है. बजरंग पूनिया ने कहा, ''मैं ब्रॉन्ज मेडल जीतकर खुश नहीं हूं. मैं भारत को वो मेडल नहीं दे पाया जिसकी मुझसे उम्मीद की गई थी. पेरिस ओलंपिक में ज्यादा वक्त नहीं बचा है और मुझे काफी मेहनत करने की जरूरत है.''

डॉक्टर्स ने बजरंग पूनिया को ओलंपिक में नहीं खेलने की सलाह दी थी. बजरंग पूनिया ने कहा, ''मुझे एक महीने पहले चोट लगी थी. इसी वजह से मुझे 25 दिन तक ट्रेनिंग से दूर रहना पड़ा. डॉक्टर्स मुझे आरान करने की सलाह दे रहे थे. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था.'' 

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इस तरीके से किया खुद को मजबूत

बजरंग पूनिया ने अपने चोट के बारे में घर वालों को भी नहीं बताया था. स्टार रेसलर ने कहा, ''मेरी चोट के बारे में घर वालों को नहीं मालूम था. मुकाबला देखने के बाद हालांकि उन्हें मालूम चल गया. जब मैं हारा तो उन्होंने पूछा तुम्हारे घुटने को क्या हुआ है. उनके लिए ब्रॉन्ज मेडल भी गोल्ड से कम नहीं है.''

बजरंग पूनिया को हालांकि उनके कोच ने ज्यादा प्रैक्टिस करने की सलाह दी थी. ब्रॉन्ज मेडल विजेता ने कहा, ''मेरे कोच का कहना था कि मुझे ज्यादा प्रैक्टिस करनी चाहिए. चोट के बाद मुझे पहले से अधिक मजबूत होने की जरूरत थी. इसलिए मैंने रात को सोना कम कर दिया था और जो प्रैक्टिस मुझे बताई गई थी उन्हें फॉलो करता था.''

बता दें कि बजरंग पूनिया फ्री स्टाइल 65 किलोग्राम इवेंट में गोल्ड मेडल के दावेदार थे. लेकिन सेमीफाइनल में मिली हार के बाद बजरंग पूनिया को ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा.

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