Union Budget 2024: 2024 के बजट सत्र के दौरान केंद्रीय खेल मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत का नाम सामने रखने की बात पर जोर दिया. मगर इस बीच ओलंपिक खेलों का आयोजन बिहार में करवाने का मामला भी सामने आया है. दरअसल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पार्टी से लोकसभा सांसद अभय कुमार सिन्हा ने बिहार में नए स्टेडियम का निर्माण होने का हवाला देकर ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने की अपील की है.

आरजेडी के सांसद अभय कुमार सिन्हा ने बताया कि राजगीर और बोध गया में स्थित मगध यूनिवर्सिटी में नए स्टेडियम का निर्माण हो रहा है और वहां काफी बड़ा कैम्पस तैयार किया गया है. उन्होंने कहा, "यदि केंद्र सरकार ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए बिहार का चयन करती है तो यह इस पिछड़े राज्य के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा." अभय, औरंगाबाद क्षेत्र से सांसद चुने गए थे और उन्होंने यह भी खुलासा किया कि अहमदाबाद को ओलंपिक के लिए संभावित क्षेत्र मानकर वहां सर्वेक्षण किया जा रहा है. अभय कुमार सिन्हा ने यह मुद्दा भी उठाया कि खेलो इंडिया मुहिम का बजट छोटे शहर-गांव तक भी पहुंचना चाहिए. ट्रेनिंग की सुविधाएं वहां भी पहुंचनी चाहिए और विशेष रूप से हमें अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं के लिए अनुभवी कोचों की जरूरत है.

अन्य पार्टियों ने भी उठाई आवाज

इस बीच समाजवादी पार्टी के नीरज मौर्या ने भी ग्रामीण इलाकों में खेल सुविधाएं कम होने का मुद्दा उठाया और उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार एथलीटों के भविष्य के लिए बुनियादी तौर पर कदम उठाएगी. वहीं तृणमूल कांग्रेस के कीर्ति आजाद ने बताया कि देश में एथलीटों की हालत अधिक अच्छी नहीं है क्योंकि वे गरीबी में जी रहे हैं और कई बार उन्हें खस्ता हालत में पड़े हॉस्टल में भी रहना पड़ता है. डीएमके के सांसद डीएम कातिर ने क्रिकेट के खिलाफ आवाज उठाई और बताया कि अन्य खेलों से जुड़े एथलीटों को तभी याद किया जाता है जब कोई अंतर्राष्ट्रीय कम्पटीशन करीब आ रहा हो.

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