Mir Sultan Khan: शतरंज के दिग्गज खिलाड़ी मीर सुल्तान खान पाकिस्तान के पहले ग्रैंडमास्टर बने हैं. हैरानी की बात यह है कि उनके निधन के 58 साल बाद उन्हें इस उपाधि से नवाज़ा गया है. मीर सुल्तान को एशिया का सबसे बड़ा चेस प्लेयर माना जाता था. FIDE के मुताबिक भारत-पाक बटवारे से पहले वो भले ही भारत के लिए खेले थे. लेकिन अब 2024 में पाकिस्तान ने उन्हें अपने पहले ग्रैंडमास्टर के टाइटल की उपाधि दी.


आपको बता दें कि मीर सुल्तान का जन्म 1903 में सरगोधा में हुआ था, जो अब उत्तरपूर्व पाकिस्तान में है. मीर सुल्तान ने 1929, 1931 और 1932 में ब्रिटिश शतरंज चैंपियनशिप जीती. मीर ने फ्रैंक मार्शल और सैविली टार्टाकोवर जैसे मशहूर खिलाड़ियों के अलावा पूर्व वर्ल्ड चैंपियन जोस राउल कैपबेलैंका को हराया. 


58 साल पहले हुआ था निधन


2024 में पाकिस्तान के पहले ग्रैंडमास्टर बनने वाले मीर सुल्तान खान आज से 58 साल पहले ही दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. उनका निधन 1966 में टीबी की बीमारी से हुआ था. 


मीर सुल्तान ने अपने पिता से शतरंज की बारीकियां सीखीं. पिता ने उन्हें पारंपरिक भारतीय नियम सिखाए, जो मॉर्डन खेल से कुछ अलग थे. मीर सुल्तान मेजर जनरल नवाब सर उमर हयात खान के नौकर थे, जो उस वक़्त पंजाब के सबसे ज़मींदारों में से एक थे. नवाब ने मीर सुल्तान का टैलेंट पहचाना और उसे आगे बढ़ाया. 


पाकिस्तान के 'Dawn अखबार', में छपी मीर सुल्तान की प्रोफाइल बताती है, "वो सर उमर खान की हवेली में छोटे-मोटे काम किया करते थे."


FIDE ने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा, "एक पंजाबी शतरंज के खिलाड़ी और पाकिस्तान के नागरिक, उन्हें अपने दौर में एशिया का बेस्ट चेस प्लयेर माना जाता था. पांच साल से भी कम के अंतर्राष्ट्रीय शतरंज के करियर में उन्होंने तीन बार ब्रिटिश चैंपियनशिप जीती. मीर सुल्तान खान, जिन्होंने चेस बुक की कम पहुंच के साथ बड़े होने और शतरंज के सिद्धांत के बारे में कुछ भी नहीं जानने के बाद भी दुनिया के कुछ टॉप खिलाड़ियों को हराया, वो पाकिस्तान के पहले ग्रैंडमास्टर बने."


 


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