जर्मनी में पिछले दो हफ्ते से बुंदेसलिगा फुटबॉल लीग के मुकाबले शुरू हो गए हैं. ऐसे में इंग्लिश प्रीमियर लीग के मुकाबले स्पेन और इंग्लैंड में भी जल्दी शुरू होने जा रहा है. लेकिन यहां भारतीय फुटबॉल को लेकर सबसे बड़ा सवाल ये है कि, यहां टूर्नामेंट की शुरूआत कब होगी? फिलहाल इसकी उम्मीद कम ही नज़र आ रही है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय फुटबॉल फेडरेशन के अधिकारी इससे पहले उम्मीद कर रहे थे कि अक्टूबर से नई सीजन की शुरूआत हो सकती है, लेकिन ऐसी संभावना अब कम ही लग रही है. एआईएफएफ को अभी भी सरकार की गाइडलाइन्स का इंतज़ार है. फीफा के तरफ से एआईएफएफ यानी आल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को एक चिट्ठी भेजा गया था, जिसमे ये बताने को कहा गया था कि भारत मे फुटबॉल का नया सीजन कब से शुरू हो सकता है. जवाब में भारतीय फुटबॉल फेडरेशन ने फीफा को बताया है कि सरकार की गाइडलाइन्स के हिसाब से ही वो फिरसे खेल को शुरू करना चाहते है. ऐसे में एआईए एफ की जेनेरल सेक्रेटरी कुशल दास ने एबीपी लाइव से इस बात की पुष्टि की है.


नए सीजन को अगर अक्टूबर में शुरू करना है तो विदेशी खिलाड़ियों को अगस्त और जनवरी के दो विंडो में अलग अलग टीमों में लिया जा सकता है. लेकिन सरकार की गाइडलाइन्स के बिना ये सारी तैयारियां संभव नही है और फिलहाल उसी का इंतजार है. पिछले हफ्ते में खेलों में एथलीट्स ने अभ्यास करना शुरू कर दिया है. हालांकि सारे कांटेक्ट स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी ट्रेनिंग की शुरूआत बाद में करेंगे. फुटबॉलर्स भी अगले एक दो हफ्ते में ट्रेनिंग की शुरूआत करेंगे फिलहाल इसकी संभावना नज़र नही आ रही है.


इससे पहले कोरोना संकट के बीच पिछले फुटबॉल सीजन के मैचों को आई लीग के खत्म होने से पहले ही रद्द कर दिया गया था. और सबसे ज़्यादा अंक मिलने के कारण मोहन बागान की टीम चैंपियन बनी थी. वहीं आईएसएल में फाइनल मैच बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में ही करवाया गया था.


अब फुटबॉल प्रेमियों को इंतजार है एक नए फुटबॉल सीजन का. और वो अब उम्मीद तो यही करेंगे कि हालात जल्द से जल्द ठीक हो जाये और सिर्फ टीवी पर नहीं बल्कि स्टेडियम में बैठकर ही वे मैच का लुत्फ उठा सकें. हालांकि ऐसी उम्मीद फिलहाल कम ही है. केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स मिलने के बाद जहां मुक़ाबलों का आयोजन किया जाएगा वहां के राज्य सरकार से भी एआईएफएफ को अलग से अनुमति लेनी होगी. ऐसे में भारतीय फुटबॉल फेडरेशन को अभी भी कोरोना परिस्थिति सुधरने का इंतज़ार करना होगा.