Pro Kabaddi League: सातवें सीजन के फाइनल मुकाबले में बंगाल वॉरियर्स ने दबंग दिल्ली को 39-34 से मात देकर पहली बार प्रो कबड्डी का टाइटल जीता था. बंगाल की यह जीत इसलिए बेहद खास थी क्यूंकि टीम ने अपने बड़े खिलाड़ियों के चोट के चलते बाहर होने के बावजूद यह फाइनल जीता था. बंगाल टीम का फाइनल तक पहुंचने का सफर भी दिलचस्प रहा था. यहां पढ़ें पिछले सीजन में कैस बंगाल वॉरियर्स बना था चैंपियन?
बंगाल वॉरियर्स ने सातवें सीजन की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की थी. टीम ने यूपी योद्धा को 48-17 से बड़ी मात दी थी लेकिन इसके बाद टीम अपनी लय बरकरार नहीं रख पाई. पहले लेग में टीम 11 में से केवल 6 मैच में जीत हासिल कर पाई थी. दूसरे लेग में वॉरियर्स की दमदार वापसी हुई और टीम ने दूसरे लेग के 11 में से 8 मुकाबले जीतकर प्लेऑफ में जगह पक्की कर ली.
बड़े रेडर्स चोटिल हुए तो ईरान के नबीबख्श ने संभाला मैदान
प्लेऑफ में बंगाल को अपने दोनों दिग्गज रेडर्स के बिना उतरना पड़ा. कप्तान मनिंदर सिंह और के प्रपंजन चोट के चलते टीम से बाहर हो गए. यहां से टीम के ईरानियन रेडर मोहम्मद नबीबख्श ने मैदान संभाला और टीम को फाइनल में पहुंचाया. फाइनल मुकाबले में भी उन्हीं के सुपर-10 ने बंगाल को विजेता बनाया.
बंगाल वारियर्स की 52% रेड रही थी सफल
सातवें सीजन में बंगाल वॉरियर्स ने 24 मैचों में से 16 में जीत और 5 में हार झेली. टीम के 3 मुकाबले ड्रा भी हुए. इस सीजन में टीम के रेडर्स ने 994 रेड पॉइंट अर्जित किए. वॉरियर्स की 52% रेड सफल रही. टीम के डिफेंडरों ने दमदार प्रदर्शन किया. 578 पॉइंट्स टेकल के जरिए आए. टीम के डिफेंडरों के 38% टेकल सफल रहे.
इन तीन खिलाड़ियों के दम पर जीता था बंगाल वॉरियर्स
मनिंदर सिंह टीम के टॉप परफार्मर रहे. मनिंदर ने सीजन में 205 रेड पॉइंट्स लिए. ईरान के मोहम्मद इस्माइल नबीबख्श ने भी रेड के जरिए टीम को 122 पॉइंट्स दिलाए. वहीं बलदेव सिंह टीम के टॉप डिफेंडर रहे. उन्होंने 66 टेकल पॉइंट्स हासिल किए.
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