कोरोना वायरस के कहर के बीच इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन का आगाज 6 महीने देरी से ही सही, लेकिन 19 सितंबर को यूएई में हो गया. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि आईपीएल के 13वें सीजन का आयोजन नहीं होने पर दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई को तीन से चार हजार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ सकता है. भारी नुकसान के मद्देनज़र बीसीसीआई ने इंडिया की बजाए यूएई में बिना दर्शकों के ही मैचों का आयोजन करवाना उचित समझा.


हालांकि ये सवाल उठता रहता है कि दो महीने के भीतर इस टूर्नामेंट के जरिए हजारों करोड़ की कमाई कैसे हो जाती है. आईपीएल में बीसीसीआई की सबसे ज्यादा कमाई ब्रॉडकास्टिंग राइडट्स और स्पॉन्सर से होती है.


ब्रॉडकास्टिंग राइट का क्या मतलब है


ब्रॉडकास्टिंग राइट का मतलब है कि इंडियन प्रीमियर लीग में खेले जााने वाले मैचों का टेलीकास्ट किस टीवी चैनल पर होगा. 2008 में आईपीएल का पहला सीजन खेला गया था. उस वक्त सोनी एंटरटेनमेंट ने आईपीएल के ब्रॉडकास्टिंग राइट खरीदे और 2017 तक इसी ग्रुप के पास आईपीएल के ब्रॉडकास्टिंग राइड थे.


लेकिन 2017 में स्टार स्पोर्ट्स ने 16 हजार 300 करोड़ रुपये में पांच साल के लिए आईपीएल मैचों के ब्रॉडकास्ट राइडट्स को खरीदा. इसका मतलब है कि पांच साल तक स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क एक मैच के लिए बीसीसीआई को करीब 55 करोड़ रुपये चुकाएगा.


स्पॉन्सर से कैसे आता है पैसा?


रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि इंडियन प्रीमियर लीग की 60 फीसदी कमाई स्पॉन्सर से जुड़ी हुई है. स्पॉन्सर में मुख्य तौर पर टाइटल स्पॉन्सर, मैन ऑफ द मैच स्पॉन्सर और मैच से जुड़े हुए बाकी अवॉर्ड के साथ जुड़े हुए स्पॉन्सर


वीवो ने साल 2016-17 में आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर बनने के लिए बीसीसीआई को 400 करोड़ रुपये चुकाए थे. इसके बाद वीवो ने साल 2017 से 2022 तक टाइटल स्पॉन्सर बनने के लिए बीसीसीआई को 2200 करोड़ रुपये चुकाने का फैसला किया.


हालांकि साल 2020 में वीवो को भारत और चीन के बीच विवाद की वजह से टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर पीछे हटना पड़ा. वीवो की जगह ड्रीम 11 ने 2020 के सीजन के लिए टाइटल स्पॉन्सर बनने के लिए बीसीसीआई को 222 करोड़ रुपये चुकाए हैं.


फ्रेंचाइजी के होती है कमाई


बीसीसीआई की आईपीएल से कमाई का एक बड़ा हिस्सा इसमें हिस्सा लेने वाले फ्रेंचाइजी से आता है. आईपीएल में कुछ 8 टीमें हिस्सा लेती हैं. इन टीमों ने ना सिर्फ आईपीएल की फ्रेंचाइजी बनने के लिए बीसीसीआई को भारी कीमत चुकाई है, बल्कि हर साल अपनी कमाई का 20 फीसदी हिस्सा ये टीमें बीसीसीआई को देती हैं.


इसके अलावा बीसीसीआई विदेश में आईपीएल के टेलीकास्ट के राइट अलग से बेचती है. इसके जरिए भी बीसीसीआई को अच्छी खासी कमाई हो जाती है.


अगले साल भी यूएई में ही खेला जा सकता है IPL, सामने आई है यह बड़ी जानकारी