Harbhajan Singh: सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम साल 2001 में आस्ट्रेलिया को हराकर ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीती थी. इस सीरीज में आस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान स्टीव वॉ थे. दरअसल, इस सीरीज में जीत के बाद भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने काफी वाहवाही बटोरी थी. इस सीरीज जीत में भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का अहम योगदान रहा था. उस वक्त भज्जी महज 21 साल के थे. उन्होंने कोलकाता टेस्ट में हैट्रिक ली थी. इस तरह टेस्ट मैचों में भारत के लिए हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे. सौरव गांगुली ने इस सीरीज में हरभजन सिंह को मौका दिया था. इस सीरीज के बाद हरभजन सिंह के करियर में बड़ा बदलाव आया. हरभजन सिंह भारतीय क्रिकेट के नए स्टार के तौर पर उभर कर सामने आए.


'मैं इसके लिए हमेशा उनका आभारी रहूंगा'


हरभजन सिंह ने अब सीरीज जीत पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ यह सीरीज हार जाती तो सौरव गांगुली को कप्तानी से हटा दिया जाता. भज्जी ने सौरव गांगुली की काफी तारीफ की. उन्होंने कहा कि सौरव गांगुली की वजह से मुझे इस सीरीज में मौका मिला था. इस सीरीज के बाद मुझे नई पहचान मिली थी. यह सब सौरव गांगुली के कारण हो पाया था. हरभजन सिंह ने कहा कि अगर सौरव गांगुली उस सीरीज में मेरे पर भरोसा नहीं दिखाते तो शायद मुझे मौके नहीं मिलते. भज्जी ने आगे कहा कि इस बात में कोई शक नहीं कि सौरव गांगुली ने मेरी मदद की. मैं इसके लिए हमेशा उनका आभारी रहूंगा.


'भज्जी ने कोलकाता टेस्ट में ली थी हैट्रिक'


हरभजन सिंह उस सीरीज में शानदार फॉर्म में थे. उन्होंने पहले टेस्ट में केवल चार विकेट लिये. लेकिन दूसरे और तीसरे टेस्ट में वे आग साबित हुए. उन्होंने दूसरे टेस्ट में ही अपने करियर का पहला हैट्रिक भी लिया. दूसरे टेस्ट की पहली पारी में हरभजन ने रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को लगातार गेंद पर आउट किया. उन्होंने एक पारी में 7 विकेट लिए. दूसरी पारी में भी छह विकेट हासिल किये. भारत 171 रन ने जीता. तीसरे और आखिरी टेस्ट में हरभजन ने दोनों पारियों में 15 विकेट अपने नाम किया.


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