Indian Wrestlers vs WFI President: इस साल जनवरी में भारतीय पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के खिलाफ मोर्चा खोला था. कॉमनवेल्श गेम्स से लेकर ओलंपिक गेम्स के पदक विजेता खिलाड़ी तक जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे. देश को गौरवान्वित करने वाल इन खिलाड़ियों ने WFI में कई अनियमितताओं से पर्दा उठाया था. सबसे अहम तो यह था कि यहां महिला पहलवानों ने WFI के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे.
खेल मंत्रालय द्वारा इस मामले में दिए गए आश्वासन के बाद यह धरना तो खत्म हो गया था लेकिन न तो WFI के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया और न ही बृज भूषण शरण सिंह पर किसी तरह का मामला दर्ज किया गया. इंसाफ की इस लड़ाई में जब भारतीय पहलवान पिछड़ने लगे तो इनके पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बच गया था. आखिरी में इन्हें यही करना पड़ा.
चार दिन पहले फिर से शुरू हुई इंसाफ की जंग
भारतीय पहलवानों ने चार दिन पहले इंसाफ की यह लड़ाई फिर से शुरू की. 21 अप्रैल को दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण शरण सिहं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन यहां पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की. इस पर पहलवानों ने सोमवार (24 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट का रूख किया. पहलवानों ने यहां सुप्रीम कोर्ट से बृज भूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देने की मांग की. इस मामले में आज (25 अप्रैल) सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी कर सकता है
धरने पर बैठे हैं ओलंपिक मेडलिस्ट
बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत कई पहलवान रविवार (23 अप्रैल) से ही एक बार फिर से जंतर-मंतर पर बैठे हुए हैं. इस बार ये पहलवान पिछली बार की तरह केवल आश्वासन पर नहीं बल्कि उचित कार्रवाई के बाद ही यहां से उठने वाले हैं. इनके धरने का एक असर तो यह हुआ कि खेल मंत्रालय ने 7 मई को होने वाले भारतीय कुश्ती संघ के चुनावों पर रोक लगा दी है. खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ को एक एड-हॉक पैनल बनाने का आदेश दिया है जो 45 दिनों में कुश्ती महासंघ के चुनाव कराएगी. जब तक कुश्ती महासंघ की नई कमिटी तैयार नहीं हो जाती, तब तक यही पैनल भारतीय कुश्ती से जुड़े रोजमर्रा के कामों पर नजर रखेगी.
बृज भूषण के खिलाफ एक्शन चाहते हैं भारतीय पहलवान
भारतीय पहलवानों का कहना है कि उन्हें कुश्ती महासंघ के चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है. वह केवल बृज भूषण के खिलाफ महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के मामले में एक सही जांच चाहते हैं. अब यह देखना बाकी है कि जिस देश में कॉमनवेल्थ से लेकर ओलंपिक गेम्स में मेडल लाने पर खिलाड़ियों का महिमामंडन करने वाली देश की जनता और सरकार क्या इंसाफ की लड़ाई में इनका साथ देंगी? या ये खिलाड़ी मजबूर होकर इस लड़ाई में हार जाएंगे.
कौन हैं बृज भूषण शरण सिंह?
बृज भूषण वर्तमान में यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं. वह 6 बार के सांसद हैं. पिछले 11 साल से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर इन्हीं का कब्जा है. बृज भूषण के बेटे प्रतीक भूषण भी पिछले दो बार से गोंडा सदर से विधायक चुने जा रहे हैं. उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह भई वर्तमान में गोंडा जिला पंचायत की अध्यक्ष है. बृज भूषण पूरी तरह से एक बाहुबली छवि वाले नेता हैं. बृज भूषण सिंह के खिलाफ डकैती, हत्या के प्रयास और दंगा समेत कुछ अन्य बड़े आरोप भी हैं. 90 के दशक में उनके खिलाफा टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियों) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. उन पर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों को शरण देने के आरोप लगे थे.
यह भी पढ़ें...