Team India Preparation For World Cup: अगले साल भारत 50 ओवर के विश्व कप की मेजबानी करेगा. जिसे देखते हुए टीम इंडिया ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. विश्व कप का आयोजन होने में 10 महीने शेष हैं. मौजूदा समय में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 वनडे मैचों की सीरीज खेली चुकी है. विश्व कप की तैयारी के दृष्टिकोण से देखें तो टीम इंडिया की शुरुआत कमजोर रही. तीन वनडे मैचों की सीरीज में भारत को हार झेलनी पड़ी. न्यूजीलैंड में भारत की हार का सबसे बड़ा कारण सीनियर खिलाड़ियों का न खेलना रहा. रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल, मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी कीवियों के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज का हिस्सा नहीं थे. इसके अलावा जिन खिलाड़ियों को न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में शामिल किया वे कोई खास करिश्मा नहीं कर पाए.


भारत की कमजोर तैयारी


भारत ने विश्व कप की तैयारी की शुरुआत न्यूजीलैंड से की लेकिन एकदिवसीय सीरीज के लिहाज से यह दौरा फलदायी नहीं रहा. ऑकलैंड में खेले गए पहले वनडे में टीम इंडिया ने विकेट होने के बावजूद बहुत आक्रामक खेल नहीं दिखाया. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 306 रन का स्कोर किया. भारत की तरफ से 3 अर्धशतक लगाए गए. न्यूजीलैंड के मैदानों पर 306 रन का स्कोर कोई खराब नहीं था. लेकिन गेंदबाजों ने निराश किया. न्यूजीलैंड ने पहला वनडे 17 गेंद शेष रहते अपने नाम किया. कीवी बल्लेबाज केन विलियमसन और टॉम लाथम ने भारतीय गेंदबाजों पर जमकर प्रहार किया. इन दोनों ने 221 रन की साझेदारी कर मैच को एकतरफा बना दिया था. हालांकि दूसरा मैच बारिश की भेंट चढ़ गया. जबकि तीसरे वनडे में टीम इंडिया का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. इस मुकाबले में भारतीय बल्लेबाज कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सके.


भ्रमित हैं चयनकर्ता


जहां तक टीम सिलेक्शन की बात है तो चयनकर्ता कन्फ्यूज हैं. बीते कुछ समय से देखा जाए तो वही घिसे-पिटे खिलाड़ियों पर दांव लगा रहे हैं. भारत के पूर्व बल्लेबाज और न्यूजीलैंड दौरे पर कोच की भूमिका में रहे वीवीएस लक्ष्मण ने कहा है कि भारत के पास खिलाड़ियों का स्ट्रॉन्ग पूल है. लेकिन जब टीम सिलेक्शन की बात आती हो तो ज्यादातर वही खिलाड़ी चुने जाते हैं तो बीते समय से भारत के लिए खेलते आ रहे हैं. अगर इस दौरान चयनकर्ताओं ने किसी नए खिलाड़ी को चुन भी लिया तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उसे खेलना का मौका मिलेगा. उदाहरण के तौर पर बीसीसीआई सिलेक्टर्स ऋषभ पंत के मोह से उबर नहीं पा रहे हैं. हाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में अगर देखा जाए तो संजू सैमसन और ऋषभ पंत दोनों शामिल थे. पंत को सभी मुकाबलों की प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया. जबकि संजू को सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला. पंत जुलाई से वनडे में कोई प्रभावशाली पारी नहीं खेल पाए हैं. जबकि साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में संजू आउट नहीं हुए थे. फिर भी उन्हें बार-बार दरकिनार कर दिया जाता है. 


कैसे कायम रहेगा भारत का रिकॉर्ड


2011 से पहले जितने भी 50 या 60 ओवर के विश्व कप खेले गए कोई भी मेजबान देश नहीं जीता था. हमेशा मेहमान टीम ने फाइनल जीता. एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने यह परंपरा बदली. भारत दुनिया का पहला देश बना जिसने साल 2011 में विश्व कप की मेजबानी करते हुए पहली बार वर्ल्ड कप जीता. हालांकि 2011 के बाद से यह परंपरा कायम है. उदाहरण के तौर पर ऑस्ट्रेलिया ने 2015 में वर्ल्ड कप की मेजबानी करते हुए खिताब जीता. जबकि 2019 में इंग्लैंड की धरती पर विश्व कप का आयोजन किया गया जिसे इंग्लिश टीम ने जीता. करीब 12 वर्ष बाद 2023 में भारत एक बार फिर विश्व कप की मेजबानी करेगा. ऐसे में भारत पर अपने घर में विश्व कप जीतने का दबाव होगा. अगर टीम इंडिया अपनी सरजमीं पर लगातार दूसरी बार खिताब जीतना जाती है तो बीसीसीआई चयनकर्ताओं को कुछ खिलाड़ियों के मोह फांस से निकला होगा. सिलेक्टर्स को उन खिलाड़ियों को टीम में शामिल करना चाहिए जिनमें मैच जिताने की क्षमता हो.


 


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