शनिवार को दिल्ली ने किंग्स इलेवन पंजाब को 5 विकेट से हरा दिया. किंग्स इलेवन पंजाब ने दिल्ली कैपिटल्स के सामने जीत के लिए 164 रनों का लक्ष्य रखा था. जो लक्ष्य उन्होंने मैच में 2 गेंद बाकि रहते 5 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया. अब तक खेले गए 10 मैचों में से 6 मैच जीतकर दिल्ली की टीम प्वाइंट टेबल में तीसरे नंबर पर है.


ये अनुमान लगाया जा सकता है कि अब जो 4 लीग मैच दिल्ली को खेलने हैं. उसमें से अगर दो मैच भी वो जीत लेती है तो प्लेऑफ में उसकी जगह बन जाएगी. 2012 के बाद ये पहला मौका होगा जब दिल्ली कैपिटल्स की टीम के पास पहली चार टीमों में ‘फिनिश’ करने का मौका है.


आपको याद दिला दें कि दिल्ली उन तीन टीमों में से एक है जिसे आजतक आईपीएल खिताब जीतने का मौका नहीं मिला. दिल्ली के अलावा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और किंग्स इलेवन पंजाब ने भी आज तक खिताब नहीं जीता है. किंग्स इलेवन पंजाब इस सीजन में अब तक टॉप 4 में शामिल है लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की हालत तो इस सीजन में भी बहुत खराब है. वो प्लेऑफ की रेस से बाहर है. अब तक खेले गए 9 मैचों में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को सिर्फ 2 मैचों में जीत मिली. खैर वापस लौटते हैं दिल्ली कैपिटल्स पर.


दिल्ली डेयरडेविल्स से बनी दिल्ली कैपिटल्स


पिछले साल दिसंबर में दिल्ली डेयरडेविल्स का नाम बदलकर दिल्ली कैपिटल्स किया गया था. टीम मालिकों ने नाम बदलने के साथ साथ टीम की ड्रेस का रंग जैसी बहुत सी चीज़ों में बदलाव किया था. इन बदलावों के बाद जब दिल्ली की टीम इस सीजन में पहली बार मैदान में उतरी तो उसने मुंबई जैसी मजबूत टीम को हराकर अपने सफऱ की शुरूआत की. इसके बाद कोलकाता को सुपर-ओवर में हराकर दिल्ली की टीम ने दिखाया कि वो सही पटरी पर है.


इसके बाद पंजाब और हैदराबाद के खिलाफ लगातार दो मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पंजाब के खिलाफ हार पर खूब हो-हल्ला भी हुआ. नतीजा ये हुआ कि टीम एक बार फिर संभली. उसने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अगले तीन मैच लगातार जीते. इसके बाद से दिल्ली की टीम का आत्मविश्वास बेहतर हुआ. बाकि बचे चार मैचों में दिल्ली को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ दो और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ एक-एक मैच खेलना है.


किन खिलाड़ियों पर है किस्मत बदलने का दारोमदार

दिल्ली की टीम में कसिगो रबादा शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं. वो सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में टॉप पर हैं. उन्होंने अब तक 10 मैच में 21 विकेट लिए हैं. बल्लेबाजी में शिखर धवन और कप्तान श्रेयस अय्यर अच्छी फॉर्म में हैं. दोनों बल्लेबाजों ने 300 से ज्यादा रन बना लिए हैं. पृथ्वी शाव और ऋषभ पंत ने एक-दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन उनके प्रदर्शन में ‘कंसिसटेंसी’ की साफ कमी है.


दिल्ली की टीम अगर इस बार अपनी किस्मत बदलना चाहती है तो उसके खिलाड़ियों को जमकर मेहनत करनी होगी. वरना एक बार फिर मायूसी ही हाथ लगेगी क्योंकि चेन्नई और मुंबई जैसी टीमें सुपरफॉर्म में दिख रही हैं. आपको बता दें कि आईपीएल के इतिहास में दिल्ली की टीम ने आजतक फाइनल तक का मुंह नहीं देखा है. 2008 और 2009 में आईपीएल के पहले और दूसरे सीजन में दिल्ली की टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर जरूर तय किया था लेकिन उसे सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. 2013 के बाद से टीम कभी भी पहली पांच टीमों में भी नहीं रही. पिछले सीजन में दिल्ली की टीम प्वाइंट टेबल की आखिरी टीम थी.