युवराज ने 2007 के टी-20 और 2011 के 50 ओवर विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. युवराज ने पहले भी कहा था कि योयो टेस्ट इसलिए लाया गया था ताकि उन्हें टीम से बारर किया जा सके. 37 साल के युवराज ने इस साल जून में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी. आखिर क्यों युवराज सिंह ने दादा से ये कहा- 'काश यो यो टेस्ट के समय आप बीसीसीआई के बॉस होते'
ABP News Bureau | 19 Oct 2019 04:59 PM (IST)
युवराज ने यह बात इसलिए कही क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें गलत तरीके से टीम से बाहर किया गया.
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने अपने अंदाज में पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष के रूप में स्वागत किया है. युवराज ने गांगुली को नया अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए कहा कि वह बीसीसीआई में खिलाड़ियों के हितों को सर्वोपरि रखेंगे. साथ ही युवराज ने मजाक में यह भी कहा कि काश गांगुली उस समय बीसीसीआई अघ्यक्ष रहे होते, तब योयो टेस्ट का चयन चरम पर था. युवराज ने यह बात इसलिए कही क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें गलत तरीके से टीम से बाहर किया गया. युवराज ने ट्वीट किया, "इंसान जितना महान होता है, उसका सफर भी उतना ही महान होता है. भारतीय कप्तान से लेकर बीसीसीआई बॉस तक, यह समझने वाली बात है कि एक खिलाड़ी क्रिकेट प्रशासन के चम तक पहुंच सकता है और ऐसे में सिर्फ और सिर्फ खिलाड़ियों के हितों की बात होगी. काश, आप उस समय अध्यक्ष रहे होते, जब योयो टेस्ट का चलन था. आपको शुभकामनाएं दादा."