मैनचेस्टर में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच चल रहे एशेज सीरीज के चौथे टेस्ट में सिर्फ 44 ओवर ही फेंके गए थे लेकिन तभी मौसम इतना ज्यादा खराब हो गया कि विकेट के ऊपर से बेल्स गिरने लगे. ऐसा ऑस्ट्रेलियाई पारी के 32वें ओवर में हुआ. वहीं इस दौरान इतनी हवा चल रही थी कि मैदान पर बीच बॉल भी आ गया. इन सबके बीच कुछ ऐसा हुआ जो आपने शायद पहले कभी नहीं देखा होगा. जी हां दरअसल अंपायर्स ने बिना बेल्स के ही मैच खिलाना शुरू कर दिया.


क्या कहते हैं नियम?

नियम 8.5 के अनुसार अंपायर्स के पास ये मौका होता है जिससे वो फैसला ले सकते हैं कि बेल्स को हटाकर मैच करवाना है या कुछ और करना है. कल के मैच में दोनों अंपायर्स की सहमति से बेल्स को हटा दिया गया. वहीं इस नियम के तहत ये भी कहा जाता है कि जैसे ही मौसम ठीक हो जाता है ठीक उसी समय आपको वापस बेल्स विकेट पर लगाने होते हैं.

बता दें कि बार बार बेल्स गिरने से इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड नाराज भी नजर आ रहे थे जिससे अंपायर्स ने ये फैसला किया कि वो बिना बेल्स के ही मैच करवाएंगे. हालांकि बाद में थोड़े भारी बेल्स को वापस विकेट पर लगाया गया.

इससे पहले क्रिकेट इतिहास में ऐसा साल 2017 में अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच मैच के दौरान हुआ था.

बेल्स हटने पर कैसे होता रन- आउट?

अब बेल्स न होने पर एक तरफ जहां गेंदबाजों को तो दिक्कत हो ही रही थी तो वहीं अब ये सवाल उठ रहे थे कि बिना बेल्स के अगर रन आउट का कोई मौका बनता है तो वो कैसे माना जाएगा. बता दें कि इसमें ऐसा होता है कि अगर किसी खिलाड़ी ने रन आउट के लिए गेंद फेंकी और विकेट के पास कोई फिल्डर है तो उसे विकेट को हाथों से उखाड़ना होगा तभी रन आउट माना जाएगा. वहीं डायरेक्ट हिट पर ऐसा नहीं होगा.