क्रिकेट का खेल धीरे-धीरे दुनिया भर में अपने पैर पसारता जा रहा है. 2028 ओलंपिक्स में वापसी से भी क्रिकेट को दुनिया में एक अलग मुकाम मिलने जा रहा है. फुटबॉल, क्रिकेट और रग्बी जैसे एथलेटिक खेलों में प्लेयर्स आमतौर पर 40 की उम्र तक आते-आते संन्यास ले चुके होते हैं. यहां क्रिकेट की बात करें तो पहले डेब्यू को लेकर उम्र का कोई नियम नहीं हुआ करता था, लेकिन अब डेब्यू के लिए कम से कम उम्र 15 साल सेट कर दी गई है. क्या इसी तरह रिटायरमेंट लेने के लिए भी ICC ने कोई नियम बनाया है? यहां आपको इस सवाल का जवाब मिलेगा.

क्या ICC ने बनाया है रिटायरमेंट के लिए नियम?

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की नियमावली में ऐसा कोई रूल नहीं है, जो खिलाड़ियों को किसी तय उम्र पर आकर संन्यास लेने के लिए बाध्य करता हो. खिलाड़ी जब चाहें तब रिटायरमेंट की घोषणा कर सकते हैं. आमतौर पर कोई क्रिकेटर तब रिटायरमेंट की घोषणा करता है, जब उसका फिटनेस लेवल गिरने लगा हो या लगातार उसकी फॉर्म खराब चल रही हो.

क्रिकेट जब चाहे रिटायरमेंट की घोषणा कर सकते हैं. इसका एक हालिया उदाहरण वेस्टइंडीज के निकोलस पूरन हैं, जिन्होंने महज 29 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था. दूसरी ओर सचिन तेंदुलकर, जेम्स एंडरसन और मिसबाह उल हक जैसे कुछ दिग्गजों ने 40 की उम्र पार करने के बाद संन्यास लिया था. भारत के प्रवीण तांबे चाहे कभी इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेल पाए हों, लेकिन उन्होंने 41 साल की उम्र में अपना IPL डेब्यू कर खिलाड़ियों के लिए नए मानक तय कर दिए थे.

यह भी नियम है कि किसी देश का बोर्ड, कोई खिलाड़ी या कोई भी संस्था किसी क्रिकेटर को रिटायरमेंट लेने पर मजबूर नहीं कर सकती. रिटायरमेंट किसी प्लेयर का व्यक्तिगत फैसला होता है.

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