भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट में कुछ ऐसा हुआ, जो आज से पहले बहुत कम बार देखने को मिला है. दरअसल भारत और इंग्लैंड, दोनों टीमों की पहली पारी 387 रनों पर समाप्त हुई. इस तरह तीन दिन के खेल के बाद भी मैच में कोई आगे नहीं है. ऐसा पहली बार साल 1910 में हुआ था, जब इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका, दोनों टीमों की पहली पारी 199 रनों पर समाप्त हुई थी. यह तो हुई पहली पारी की बात, तब क्या होगा यदि दूसरी पारी में भी दोनों टीमों का स्कोर समान रहे? यहां आपको इस सवाल का जवाब मिलेगा.
अगर दूसरी पारी में स्कोर बराबर रहा
अगर किन्हीं दो टीमों का दूसरी पारी में स्कोर बराबर रहता है, तो किसी की जीत नहीं होगी. उस मुकाबले को टाई माना जाएगा, ऐसा रेड-बॉल क्रिकेट में बहुत कम देखने को मिलता है. उदाहरण के तौर पर भारत-इंग्लैंड लॉर्ड्स टेस्ट में दोनों टीमों ने अपनी-अपनी पहली पारी में 387 रन बनाए. मान लीजिए अगर अपनी-अपनी दूसरी पारी में भारत और इंग्लैंड 200 रन बना पाते हैं, तो उस मुकाबले को ड्रॉ नहीं बल्कि टाई घोषित कर दिया जाएगा.
टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ 2 मैच हुए टाई
अब तक टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ 2 मैच टाई हुए हैं. ऐसा पहली बार साल 1960 में हुआ था, जब ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज आमने-सामने आए थे. दोनों टीमों ने उस मैच में कुल 737 रन बनाए थे. उसके 26 साल बाद यानी 1986 में भारत और ऑस्ट्रेलिया का चेन्नई टेस्ट टाई के रूप में समाप्त हुआ था. उस मैच में दोनों टीमों ने कुल 744 रन बनाए थे. उसके बाद 39 सालों में कोई भी टेस्ट मैच टाई नहीं हुआ है. पिछले कुछ सालों में ड्रॉ होने वाले मैचों की संख्या भी घटी है, जिसका एक मुख्य कारण आक्रामक बल्लेबाजी शैली रही है.
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