David Warner on Quinton de Kock: दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक (Quinton de Kock) के घुटने के बल बैठने से इनकार करने के बाद मैच से हटने के फैसले पर प्रतिक्रिया मांगने पर ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर (David Warner) ने कहा है कि उनकी टीम घुटने के बल बैठेगी.


क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (CSA) ने अपनी टीम को निर्देश दिया था कि सभी खिलाड़ी वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे मैच की शुरुआत से पहले घुटने के बल बैठेंगे. ऐसा नस्लवाद विरोधी अभियान के समर्थन में किया जाना था. हालांकि, खबरों के मुताबिक, डिकॉक ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और वेस्टइंडीज के खिलाफ खुद को अनुपलब्ध बताया. डिकॉक के इस फैसले के बाद ऐसा माना जा रहा है कि बोर्ड उनके खिलाफ सख्त एक्शन ले सकता है.


वॉर्नर की तरह डिकॉक भी दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज हैं और टीम के लिए अहम भूमिका निभाते हैं. वॉर्नर ने कहा, बेशक मैं दक्षिण अफ्रीका प्रशासन के अपनी टीम को घुटने के बल बैठने का निर्देश देने पर कुछ नहीं कहूंगा. यह उनका फैसला था, ऐसा करना प्रत्येक व्यक्तिगत खिलाड़ी का फैसला था. 


वॉर्नर ने साथ ही कहा कि वह हाल के मैच में अपने खराब प्रदर्शन से अधिक परेशान नहीं हैं और उन्हें जल्दी ही फॉर्म में वापसी की उम्मीद है. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया टी20 विश्व कप के अपने दूसरे मैच में गुरुवार को दुबई में श्रीलंका से भिड़ेगा. पहले मैच में उसने जीत दर्ज की थी.


इस मुद्दे पर खिलाड़ियों का अलग-अलग रवैया 
दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर इस मुद्दे पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 विश्व कप के शुरूआती मैच से पहले कुछ खिलाड़ी ‘ घुटने के बल बैठने’ की जगह मुट्ठी उठाकर खड़े थे तो वही कुछ ने अपने हाथ पीछे की ओर पीठ पर रखे थे. तेज गेंदबाज एनरिच नोर्किया और विकेटकीपर हेनरिक क्लासेन अपनी पीठ के पीछे हाथ रखकर खड़े थे, यहां तक कि उनके साथियों ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के लिए अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया. मंगलवार को हालांकि यह दोनों खिलाड़ी टीम के बाकी सदस्यों के साथ ‘घुटने के बल बैठे’ थे.


डिकॉक के समर्थन में उतरे पूर्व कप्तान
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने डिकॉक का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, "निश्चित रूप से यह तय करने का अधिकार व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किसी भी आंदोलन में शामिल होना चाहता है या नहीं. एक क्रिकेट बोर्ड को खिलाड़ियों से ऐसा करने का अनुरोध करना चाहिए, लेकिन अगर खिलाड़ी ऐसा नहीं करना चाहता है तो उसे क्रिकेट खेलना नहीं रोकना चाहिए." इससे पहले भारतीय टीम ने भी पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को पहले मैच से पूर्व ‘ ब्लैक लाइव्स मैटर’ वैश्विक मुहिम के तहत घुटने के बल बैठकर नस्लवाद का विरोध किया था.