भारतीय क्रिकेट टीम से अलग होने के 14 साल बाद भी ग्रैग चैपल अपने कोचिंग कार्यकाल को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. अधिकतर मौके पर चैपल के अंडर में खेलने वाले खिलाड़ी उनकी आलोचना करते हुए नज़र आते हैं. लेकिन टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना ने चैपल की जमकर तारीफ की है. सुरेश रैना का मानना है कि मौजूदा समय में टीम इंडिया की कामयाबी के पीछे ग्रैग चैपल का भी योगदान है.


सुरेश रैना का कहना है कि जब ग्रैग चैपल टीम के कोच थे तो उन्होंने टीम इंडिया को वनडे में लक्ष्य का पीछा करते हुए जीतना सिखाया था. रैना ने अपनी आने वाली ऑटोबायोग्राफी, ''बिलीव वाट लाइफ एंड क्रिकेट टॉट मी' में लिखा, "मेरे ख्याल से भले ही चैपल का कोचिंग करियर विवादित रहा लेकिन उन्होंने भारत को जीतना और जीतने के महत्व के बारे में सिखाया."


रैना मानते हैं कि चैपल ने लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजी की समस्या को पहचाना था. उन्होंने कहा, "हम सभी उस वक्त अच्छा खेल रहे थे लेकिन मुझे याद है कि उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए बल्लेबाजी लड़खड़ाने के बारे में अवगत कराया."


चैपल के अंडर में रैना ने किया था डेब्यू


रैना उन खिलाड़ियों में शामिल माने जाते हैं जिन पर चैपल भरोसा करते थे. रैना ने चैपल की पहली सीरीज के दौरान श्रीलंका में वनडे में डेब्यू किया था. रैना ने अपने करियर में भारत के लिए 226 वनडे मैच खेले और 5615 रन बनाए. उन्होंने इसके साथ ही 36 विकेट भी लिए.


चैपल के नेतृत्व में टीम इंडिया ने सितंबर 2005 से मई 2006 तक राहुल द्रविड़ की कप्तानी में लक्ष्य का पीछा करते हुए 17 वनडे मुकाबले जीते थे.


लेकिन ग्रैग चैपल को अक्सर सौरव गांगुली और दिग्गज खिलाड़ियों के साथ विवाद के चलते ही याद किया जाता है. ग्रैग को टीम इंडिया का कोच बनाने में सौरव गांगुली ने सबसे अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन चैपल ने दो सीरीज के बाद ही गांगुली को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.


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