बात चाहे टेस्ट क्रिकेट की हो रही हो, वनडे या फिर टी20 फॉर्मेट की, उनमें जसप्रीत बुमराह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक बने रहे हैं. बुमराह अपने इंटरनेशनल करियर में 300 से अधिक विकेट ले चुके हैं और अच्छे-अच्छे बल्लेबाज उनके खिलाफ बड़े शॉट खेलने से कतराते हैं. बुमराह को अक्सर टीम इंडिया के लिए 'तुरुप का इक्का' कहा जाता है, लेकिन वो अक्सर चोटों से त्रस्त रहते हैं. यहां जानिए आखिर क्या है बुमराह के बार-बार चोटिल होने की असली वजह?
बार-बार क्यों चोटिल हो जाते हैं बुमराह?
जसप्रीत बुमराह के बार-बार चोटिल होने की कई वजह हैं, लेकिन सबसे मुख्य वजह है उनका गेंदबाजी एक्शन. देश-विदेश में बुमराह के एक्शन को खूब कॉपी किया जाता है, लेकिन सच यह है कि उनका बॉलिंग एक्शन चोटों को बुलावा देता रहता है. दरअसल बुमराह कमर से जोर लगाकर गेंद करते हैं. ऐसे भी दावे किए जाते हैं कि गेंद फेंकते समय बुमराह की रीढ़ की हड्डी अन्य गेंदबाजों से ज्यादा स्ट्रेच हो जाती है. हालांकि ऐसे किसी दावे को लेकर किसी मेडिकल संस्था ने कभी कोई प्रमाण पेश नहीं किया है.
सबसे बड़ा कारण यही माना जाता है कि कमर से जोर लगाने के कारण ही बुमराह बार-बार चोटिल होते रहते हैं. इसी वजह से अक्सर बुमराह के साथ 'वर्कलोड मैनेजमेंट' जैसे शब्द जोड़े जाते रहे हैं. कमर से जोर लगाने के कारण बुमराह कई सारे मैचों में लंबे-लंबे स्पेल फेंकने में असमर्थ दिखाई पड़ते हैं.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के आखिरी मैच में बुमराह चोटिल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें कई हफ्तों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. वहीं इसी चोट लगने की संभावना और वर्कलोड मैनेजमेंट को देखते हुए बुमराह को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट से आराम दिया गया था.
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