West Indies Cricket Board: वेस्टइंडीज क्रिकेट की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक वक्त दुनिया की सबसे खतरनाक टीम कही जाने वाली वेस्टइंडीज एक ओर जहां वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में क्वालीफाई नहीं कर पा रही है वहीं दूसरी ओर उसके खिलाड़ी भी राष्ट्रीय टीम को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं.


ताजा अपडेट यह है कि वेस्टइंडीज के तीन बड़े खिलाड़ियों ने बोर्ड के साथ सालाना सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट करने से मना कर दिया है. यानी यह क्रिकेटर वेस्टइंडीज बोर्ड के अधीन न रहकर अपनी मर्जी से क्रिकेट खेलना चाहते हैं. इन तीन खिलाड़ियों में निकोलस पूरन, काइल मेयर्स और जेसन होल्डर का नाम है. वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने खुद एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है.


वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने क्या कहा?
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने बयान में कहा है, 'जेसन होल्डर, काइल मेयर्स और निकोलस पूरन ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऑफर खारिज कर दिया है. हालांकि इन तीनों खिलाड़ियों ने पूरे साल में वेस्टइंडीज के सभी टी20 इंटरनेशनल मैचों के लिए अपनी उपलब्धता को कंफर्म किया है.'


सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं होने से क्या होगा?
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के न होने से इन खिलाड़ियों पर वेस्टइंडीज टीम के लिए खेलने की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी. यानी अगर वेस्टइंडीज के अन्य देशों से मुकाबले के दौरान बोर्ड इन खिलाड़ियों को खेलने का फोर्स नहीं कर पाएगा.


खिलाड़ियों ने क्यों किया यह फैसला?
संभवतः दुनियाभर की टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट में मिल रहे अच्छे मौकों और बड़ी रकम को देखते हुए इन तीनों दिग्गजों ने यह फैसला लिया है. सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं होने से अब ये खिलाड़ी कभी भी किसी भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट को खेलने के लिए स्वतंत्र होंगे. इसके लिए इन्हें अब वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की परमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी. फिर यहां सबसे अहम बात यह भी है कि वेस्टइंडीज बोर्ड अपने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को ज्यादा सैलरी भी नहीं देता है. इस मामले को लेकर पहले कई बार क्रिकेटर्स विरोध भी कर चुके हैं.


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