Moeen Ali, England Cricketer: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए खेलने वाले इंग्लैंड के दिग्गज हरफनमौला खिलाड़ी मोईन अली (Moeen Ali) ने खुलासा किया है कि वह शुरू में एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन वारविकशायर के लिए अंडर-15 खेलते हुए उन्हें पीठ दर्द की समस्या के कारण स्पिनर बनने पर मजबूर होना पड़ा था. मोईन ने हाल ही में घोषणा की थी कि अगर इंग्लैंड के नए कोच ब्रेंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स चाहें तो वह टेस्ट संन्यास से बाहर आने को तैयार हैं. उन्होंने अपने सफेद गेंद वाले करियर को लंबा करने के लिए पिछले साल सितंबर में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.


इस साल सीएसके के लिए उन्होंने आठ विकेट लेने के अलावा 10 मैचों में 93 के सर्वश्रेष्ठ औसत के साथ 244 रन बनाए, हालांकि उनकी टीम आईपीएल 2022 सीजन में नौवें स्थान पर रही. अपने बचपन की यादों के बारे में बात करते हुए मोईन ने चेन्नई सुपरकिंग डॉट कॉम को बताया कि एक बच्चे के रूप में उनकी क्रिकेट यात्रा भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ खेलकर शुरू हुई थी.


उन्होंने आगे कहा, "स्कूल के दिन मेरे जीवन के सबसे बेहतरीन दिन थे. मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे. मुझे क्रिकेट पसंद था और हमारे पास एक अच्छा क्रिकेट मैदान था और यह एक दक्षिण एशियाई पृष्ठभूमि का स्कूल था, जहां भारतीय, पाकिस्तानी बच्चे पढ़ते थे, तो जाहिर तौर पर सभी को क्रिकेट पसंद था."


मोईन ने कहा, "हमने राष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल की, हमने निजी स्कूलों को हराया और हमने जो चार साल खेले, उसमें हम केवल दो मैच हारे. हमारी टीम बहुत अच्छी थी. उस समय हम जिन लोगों के साथ खेल रहे थे, सभी काउंटी खिलाड़ी बन गए थे. उन सभी के खिलाफ हमने जीत हासिल की."


34 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि उस समय, वह एक तेज गेंदबाज बनने की पूरी कोशिश की थी, यहां तक कि हर जगह तेज गेंदबाजी ट्रायल भी दिया था. उन्होंने कहा, "यह मेरे अंडर-15 दिनों के दौरान था कि मैंने स्पिन गेंदबाजी की ओर रुख किया. वारविकशायर के लिए अंडर-15 में खेलते हुए मुझे पीठ दर्द की समस्या हो गई थी. फिर, मैंने नेट में सिर्फ एक ऑफ स्पिनर के रूप में गेंदबाजी शुरू की. कोच ने मेरी गेंदबाजी में कुछ देखा और उन्होंने कहा कि मैं अब से एक स्पिनर ही बनूंगा."


मोईन ने कहा कि उनका बचपन कठिन था और कभी-कभी उनके पिता कार या कुछ बुनियादी जरूरी चीजों के लिए पेट्रोल तक खरीदने में सक्षम नहीं होते थे. परिवार की हालत बेहद खराब थी. मेरे काउंटी खेल के दौरान मेरे पिताजी को अपनी नौकरी भी छोड़नी पड़ी, जो की निराशाजनक था."


लेकिन एक बार जब वह पेशेवर क्रिकेट बन गए, तो उनका जीवन बदल गया और मोईन का कहना है कि संघर्ष के वर्षों के बारे में सोचकर उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. उन्होंने कहा, "पिछली बातें याद कर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं, क्योंकि आप सोचते हैं कि आप कहां से आते हैं और यह मेरे लिए मेरी खुद की विनम्र पृष्ठभूमि के बारे में एक महान यादें हैं. मैं बहुत जल्दी पेशेवर क्रिकेट बन गया और चीजें बेहतर होती चली गई. मैं आज के लिए वास्तव में सबका आभारी हूं."


ये भी पढ़ें...


IND vs SA: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टी20 में बड़ा रिकॉर्ड बना सकते हैं युजवेंद्र चहल, लेने होंगे सिर्फ इतने विकेट


IND vs SA: तीसरे टी20 में इतिहास रच सकते हैं भुवनेश्वर कुमार, वेस्टइंडीज-न्यूजीलैंड के इन दिग्गजों को छोड़ देंगे पीछे