पिछले 12-18 महीनों की मेहनत का असर है कि विश्व कप की टीम चुनने के लिए चयनकर्ताओं को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही है. पिछले कुछ घंटे से लगातार चर्चा इस बात पर ही है कि ले-देकर कप्तान और चयनकर्ताओं को ये सोचना है कि पंद्रह खिलाड़ियों की टीम में दूसरे विकेटकीपर के तौर पर इंग्लैंड ऋषभ पंत जाएंगे या दिनेश कार्तिक.


विराट कोहली के 15 खिलाड़ियों में उनकी पसंद के बल्लेबाज और गेंदबाज पहले से ही तैयार हैं. 1983 की तरह ही इस टीम में भी कई ‘यूटिलिटी’ खिलाड़ी हैं. जो मौका पड़ने पर गेंदबाजी भी कर सकते हैं. हालांकि विराट जिन दो खिलाड़ियों को अपना ‘ट्रंपकार्ड’ बनाना चाहते थे वो दोनों खिलाड़ी टीम का हिस्सा होंगे. ये खिलाड़ी हैं हार्दिक पांड्या और विजय शंकर. हार्दिक पांड्या का जाना तो पहले से ही तय था लेकिन विजय शंकर ने हाल के दिनों में अपने प्रदर्शन के दम पर जगह बनाई है.


बतौर ऑलराउंडर इन दोनों खिलाड़ियों की जगह प्लेइंग 11 में भी पक्की है. विजय शंकर अंतर्राष्ट्रीय मैचों में शुरूआती दौर में बिल्कुल प्रभावित नहीं कर पाए थे. बावजूद इसके विराट कोहली ने उन्हें मौका दिया. इसके लिए विराट कोहली की आलोचना भी हुई. लेकिन अब विजय शंकर का आत्मविश्वास अलग मुकाम पर है. अब वो अपने कप्तान के भरोसे पर खरा उतरने के लिए तैयार हैं.


विजय शंकर ने कैसे जीता भरोसा


पिछले एक साल से विराट कोहली लगातार नंबर चार के बल्लेबाज की खोज में थे. इस पोजीशन पर बल्लेबाजी के लिए वो आधा दर्जन बल्लेबाजों को आजमा चुके थे. अंबाती रायडू लगभग फाइनल भी हो गए थे. इसके बाद विराट कोहली ने विजय शंकर को मौका देना शुरू किया. उन्होंने विजय शंकर को पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में डेब्यू कराया. उसके बाद न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सीरीज में लगातार मौका दिया.


ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी विजयशंकर लगातार खेले. इन लगातार मिले मौकों पर विजय शंकर ने दो संदेश बहुत साफ तौर पर दिए. पहला कि वो तकनीकी तौर पर बहुत दक्ष बल्लेबाज हैं और नंबर चार पर खेलने के लिए मानसिक तौर पर तैयार हैं. उनकी बल्लेबाजी की खासियत है कि वो गेंद को काफी ‘लेट’ खेलते हैं. ‘बैकफुट’ पर छक्का मारने वाले बल्लेबाजों में हैं.


दूसरा वो 125-130 की रफ्तार के बीच में 5-7 ओवर अच्छी तरह फेंक सकते हैं. अंबाती रायडू यहीं से पिछड़ते चले गए. विराट कोहली को ये भी समझ आ रहा है कि मई-जून के महीने में विजय शंकर इंग्लैंड की पिचों पर अच्छे खासे असरदार साबित हो सकते हैं. अच्छे खासे घरेलू सीजन के बाद इंग्लैंड की बेजान हो चुकी पिचों पर वो जिस रफ्तार पर से गेंदबाजी करते हैं उसमें स्विंग-सीम की संभावना ज्यादा होगी. ऐसे में वो ज्यादा कारगर साबित होंगे. इन्हीं पहलुओं को दिमाग में रखकरर विराट कोहली ने विजय शंकर का नाम पहले ही फाइनल कर लिया था.


हार्दिक पंड्या तो पहले से ही हैं स्टार


हार्दिक पंड्या तो पहले से ही टीम इंडिया के स्टार हैं. पिछले दिनों महिलाओं पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद उनकी जबरदस्त आलोचना हुई थी. उन्हें ‘बैन’ भी किया गया था. लेकिन मैदान में वापसी के बाद अपने बेहतरीन प्रदर्शन से उन्होंने एक बार फिर दर्शकों का विश्वास और प्यार जीता है. बैन के बाद वनडे क्रिकेट में उन्होंने शानदार वापसी की थी.


आईपीएल में भी उनकी शानदार फॉर्म जारी है. मुंबई इंडियंस के लिए खेले गए 7 मैचों में वो अब तक 149 रन बना चुके हैं. उनका स्ट्राइक रेट 184 के करीब है. इसके अलावा उन्होंने 6 विकेट भी चटकाए हैं. जो ये बताता है कि बतौर ऑलराउंडर उनकी टीम में क्या उपयोगिता है. इसी उपयोगिता के आधार पर वो इंग्लैंड में विराट कोहली के ट्रंप कार्ड भी हैं. लंबे समय के बाद टीम इंडिया ने दो ऐसे खिलाड़ी विश्व कप खेलेंगे जो तेज गेंदबाजी के साथ साथ अच्छी बल्लेबाजी करते हैं. याद रखिएगा यही भारतीय टीम की कामयाबी का रास्ता बनाएंगे.