Joe Root On Bazball: रांची में खेले जा रहे चौथे टेस्ट में मेहमान इंग्लैंड का पलड़ा भारी है. इंग्लैंड के 353 रनों के जवाब में मेज़बान भारत ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक सात विकेट खोकर 219 रन बना लिए हैं. हालांकि, टीम इंडिया अभी भी इंग्लैंड से 134 रन पीछे है. दूसरे दिन स्टम्प्स के समय ध्रुव जुरेल 30 और कुलदीप यादव 17 रन बनाकर नाबाद लौटे. दिन का खेल खत्म होने के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और सीनियर बल्लेबाज जो रूट ने बैजबॉल के असल मायने समझाए. 


जो रूट ने शनिवार को कहा कि टेस्ट क्रिकेट में उनकी टीम की बैजबॉल शैली का मतलब अहंकारी होना या आक्रामक क्रिकेट खेलना नहीं बल्कि टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ नतीजे निकलवाना है. राजकोट में तीसरे टेस्ट में भारत के हाथों 434 रन से मिली हार के बाद इंग्लैंड की अति आक्रामक ‘बैजबॉल’ रणनीति की आलोचना होने लगी थी. 


जो रूट ने कहा, "कई बार अधिक आक्रामक होना ही समाधान होता है. जैसे कि अगर मैं गेंद को पीट पा रहा हूं तो जसप्रीत बुमराह पर दबाव बनेगा. हमारा नजरिया अलग है. यह अहंकारी होने की बात नहीं है. बैजबॉल शब्द का काफी इस्तेमाल होता है, लेकिन यह आपका शब्द है. हम इसे ऐसे नहीं देखते हैं. हमारे लिये यही अहम है कि टीम के लिये एक दूसरे से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कैसे कराया जाए. एक ईकाई के रूप में बेहतर कैसे करें. यह हमेशा सटीक नहीं बैठता, लेकिन हम सुधार के प्रयास करते रहेंगे."


एक समय 112 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद जो रूट के 122 रन की मदद से इंग्लैंड ने पहली पारी में 353 रन बनाए. इसके जवाब में भारत ने सात विकेट 219 रन पर गंवा दिये. हालांकि, एक समय भारत ने सिर्फ 177 रनों पर 7 विकेट गंवा दिए थे, लेकिन कुलदीप और ध्रुव ने इसके बाद दूसरे दिन कोई झटका नहीं लगने दिया. 


अपने शतक को लेकर जो रूट ने कहा, "मुझे काफी समय से इस पारी का इंतजार था. सीनियर खिलाड़ी होने के नाते और खासकर जब आप कई बार यहां खेल चुके हों तो टीम की जीत में योगदान देना चाहते हैं."


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