पर्थ में खेले गए पहले वनडे मैच में भारतीय टीम सिर्फ 136 रन बना पाई है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 131 रनों का लक्ष्य मिला है. टीम इंडिया निर्धारित 26 ओवरों में लड़खड़ाते हुए 136 के स्कोर तक पहुंची, जिसमें केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 38 रनों का योगदान दिया. अक्षर पटेल ने 31 रन बनाए और डेब्यूटेंट नितीश कुमार रेड्डी 19 रन बनाकर नाबाद लौटे. मगर ऐसा कैसे हुआ कि भारत ने 136 रन बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को उससे 5 कम रनों का लक्ष्य मिला.

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ऑस्ट्रेलिया को कम रनों का लक्ष्य क्यों

पर्थ में खेले जा रहे इस मैच में बारिश ने दखल दिया. बारिश के कारण काफी समय खराब हुआ, जिसके कारण ओवरों में कटौती करके प्रत्येक पारी को 26 ओवरों का कर दिया गया. रोहित शर्मा, विराट कोहली और यहां तक कि कप्तान शुभमन गिल भी ज्यादा बड़ा स्कोर नहीं कर पाए.

भारतीय पारी 136 रनों पर समाप्त हुई, लेकिन डकवर्थ लुइस नियमों के कारण ऑस्ट्रेलिया को 131 रनों का लक्ष्य दिया गया. दरअसल DLS का नियम, बचे हुए ओवरों और बचे हुए विकेटों पर भी निर्भर करता है.

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DLS से कैसे मिलता है नया टारगेट?

डकवर्थ लुइस नियम के आधार पर रिवाइज्ड टारगेट कई पहलुओं को ध्यान में रखकर दिया जाता है. नियमानुसार बचे हुए ओवर, बचे हुए विकेट, पहले बैटिंग करने वाली टीम ने कितने रन बनाए और मैच में रुकावट किस समय में आई. इन पहलुओं को ध्यान में रखकर दूसरी टीम को टारगेट दिया जाता है.

चूंकि भारतीय टीम ने 9 विकेट गंवा दिए थे, ऑस्ट्रेलिया को कम टारगेट मिलने का एक यह भी कारण रहा. वहीं भारतीय टीम निर्धारित 26 ओवरों से पहले ही ऑलआउट हो जाती, तो ऑस्ट्रेलिया को 131 से भी कम रनों का टारगेट मिल सकता था.

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