Rohit Sharma: रोहित शर्मा अगुवाई वाली टीम इंडिया भी साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाएगी, क्योंकि सिर्फ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में से पहला टेस्ट मैच भारतीय टीम हार चुकी है. अब अगर भारतीय टीम दूसरा टेस्ट मैच जीत भी जाती है, तो सीरीज ड्रॉ हो जाएगी, क्योंकि यह सीरीज सिर्फ दो मैचों की है, और पहला मैच टीम इंडिया हार गई है.


भारत और साउथ अफ्रीका के बीच सेंचुरियन के मैदान पर यह टेस्ट मैच खेला गया था. इस टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया था, और भारत को सिर्फ 245 रनों पर ही समेट दिया था, लेकिन उसके बाद साउथ अफ्रीका की टीम ने 408 रन बना दिए, जिसमें डीन एल्गरल ने अकेले 185 रनों की पारी खेली और प्लेयर ऑफ द मैच बन गए.


टीम इंडिया दूसरी पारी में भी सिर्फ 131 रन ही बना पाई और यह मैच पारी और 32 रनों से हार गई. यह टीम इंडिया के लिए एकतरफा हार है क्योंकि भारतीय टीम दो पारियों में मिलाकर भी साउथ अफ्रीका के एक पारी जितना स्कोर भी नहीं पाई. आइए हम आपको टीम इंडिया की इस बुरी हार के 5 बड़े कारण बताते हैं.


रोहित शर्मा का फॉर्म


रोहित शर्मा का बुरा फॉर्म टीम इंडिया की हार का सबसे बड़ा कारण रहा है. रोहित शर्मा ओपनिंग बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन सेंचुरियन टेस्ट मैच की पहली पारी में सिर्फ 5 और दूसरी पारी में 0 पर आउट हो गए. इससे टीम इंडिया के बाकी बल्लेबाजों के ऊपर काफी दबाव आ गया क्योंकि उनके आगे और पीछे जायसवाल और शुभमन गिल जैसे युवा बल्लेबाज खेलते हैं, जिन्हें टेस्ट क्रिकेट का ज्यादा अनुभव नहीं है.


युवाओं के भरोसे टॉप ऑर्डर


टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर में दो युवा बल्लेबाज हैं. रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग यशस्वी जायसवाल करते हैं, जो अपनी दूसरी टेस्ट सीरीज खेल रहैं हैं. उनके अलावा नंबर-3 पर शुभमन गिल का मौजूद थे, जिनके पास टेस्ट फॉर्मेट का ज्यादा अनुभव नहीं है. वहीं, नंबर-5 पर भी श्रेयस अय्यर खेले थे, जिन्होंने भारत के बाहर ज्यादा टेस्ट मैच खेले नहीं हैं. ऐसे में कुल मिलाकर भारतीय बल्लेबाजी क्रम में अनुभव की कमी साफ खल रही थी, और टीम पुजारा और रहाणे जैसे स्पेशलिस्ट टेस्ट प्लेयर को मिस भी कर रही थी.


रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी का फिट ना होना


इस मैच में रवींद जडेजा और मोहम्मद शमी चोट के कारण नहीं खेल पाए थे, और ये दोनों खिलाड़ी टीम इंडिया की टेस्ट टीम के दो बेहद अनुभवी और महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं. शमी तेज गेंदबाजी से किसी भी पिच पर किसी भी वक्त मैच का रुख पलट सकते हैं, और वर्ल्ड कप में शमी कमाल के फॉर्म में भी चल रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ रवींद्र जडेजा अपनी गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग तीनों से मैच पलटने की क्षमता रखते हैं, लेकिन उनकी जगह खेलने वाले रविचंद्रन अश्विन से गेंदबाजी के अलावा कोई खास अपेक्षा नहीं की जा सकती. पिच से मदद ना मिलने के कारण अश्विन की गेंदबाजी से तो उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन उनकी फील्डिंग और बैटिंग की तुलना में जडेजा टीम के लिए उनसे बेहतर योगदान दे सकते थे. लिहाजा, इन दो बड़े खिलाड़ियों का अनफिट होना भी टीम इंडिया की हार का एक मुख्य कारण रहा.


शार्दुल और प्रसिद्ध का बुरा प्रदर्शन


सेंचुरियन की पिच पर भारतीय गेंदबाजों ने 10 विकेट चटकाने के लिए 408 रन खर्च किए, जबकि साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों ने उसी पिच पर 376 रन खर्च करके भारत के 20 विकेट चटका दिए. इससे साफ पता चलता है कि भारतीय गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी नहीं की. बुमराह के अलावा किसी भी गेंदबाज की गेंदबाजी में विकेट लेने वाली धार नहीं थी. अपना पहला टेस्ट मैच खेलने वाले प्रसिद्ध कृष्णा के लिए डेब्यू मैच बिल्कुल अच्छा नहीं रहा. शार्दुल ने 5.30 की इकोनॉमी रेट से 101 रन खर्च किए, और सिर्फ एक विकेट लिया, जबकि प्रसिद्ध कृष्णा ने 4.70 की इकोनॉमी रेट से 93 रन खर्च करके 1 विकेट लिया. इसका मतलब सिर्फ इन गेंदबाजों ने 39 ओवर में 194 रन खर्च कर दिए, जो कि वनडे फॉर्मेट में भी एक अच्छा स्कोर माना जाता है.


खराब फील्डिंग


सेंचुरियन टेस्ट मैच में टीम इंडिया की फील्डिंग और बॉडी लैंग्वेज भी मैच को जीतने वाली नहीं थी. टीम इंडिया के फील्डर्स को देखकर ऐसा लग रहा था कि सभी बहुत थके हुए हैं, जिन्हें जीत की कोई उम्मीद नहीं है. इस मैच में टीम इंडिया ने 108 ओवर फील्डिंग की लेकिन शुरुआत के कुछ ओवर्स के अलावा टीम के फील्डर्स पूरे पारी में धीले दिखाई दिए.


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