IND Vs ENG: इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच टेस्ट की सीरीज़ में भारत 1-0 से आगे है. बुधवार का तीसरे टेस्ट का पहला दिन था. भारतीय बल्लेबाज़ों ने जैसा प्रदर्शन किया, उसे हर कोई भूलना चाहेगा. पूरी टीम इंडिया 78 रन पर ऑल आउट हो गई. इंग्लैंड ने बिना विकेट खोए 120 रन बना लिए है. इस मैच में हर किसी की निगाहें विराट कोहली पर थी. विराट ने एक बार फिर निराश किया. सवाल ये कि विराट के बल्ले को क्या हो गया? विराट के रनों का सूखा कब खत्म होगा? इसके साथ ही विराट कोहली को लेकर कप्तानी का दबाव महसूस करने जैसे सवाल भी खड़े हो रहे हैं. 


विराट कोहली, जिसे दुनिया में नंबर वन का खिताब हासिल है. जिसके नाम का खौफ दुनिया भर के गेंदबाजों की नींद उड़ा देता है. लेकिन विराट का बल्ला उनका साथ नहीं दे रहा है. लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर हालात मुश्किल थे, पहले इनफॉर्म राहुल और फिर पुजारा आउट होकर पवैलियन लौट चुके थे.


39 साल के एंडरसन की बॉलिंग के आगे टीम इंडिया के बल्लेबाज बुरी तरह से नाकाम साबित हो रहे थे. क्रीज पर विराट उतरे, विराट के सामने एंडरसन गेंद लेकर खड़े थे. ये वो जंग है, जो क्रिकेट देखने वाले हर शख्स की पहली पसंद होती है.


एंडरसन के सामने पहले भी नहीं टिक पाए थे विराट कोहली


विराट के फैंस को उम्मीद थी कि कप्तान टीम को इन मुश्किल हालातों से बाहर निकालेंगे और रोहित के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाएंगे. विराट ने एंडरसन का सामना शुरू किया लेकिन भरोसा यकीन में बदलता उससे पहले ही वो हो गया, जिसका डर था. एंडरसन ने विराट को आउट कर दिया, आउट होने से ज्यादा दर्द आउट होने के तरीके पर था  जो इंग्लिश पिचों पर विराट की सबसे बड़ी परेशानी है.


विराट कोहली सिर्फ 17 गेंद ही खेल पाए जिसमें उन्होंने 7 रन बनाए. ऐसा नहीं है कि विराट पहली बार इस सीरीज़ में एंडरसन का शिकार बने हैं. पहले टेस्ट की पहली पारी में भी ये ही हुआ था. विराट तब भी ऐसे ही आउट हुए थे और इस बार भी कुछ नहीं बदला.


वैसे जेम्स एंडरसन के खिलाफ विराट का रिकॉर्ड देखेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे. एंडरसन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में विराट को 10 बार आउट किया है विराट इस सीरीज़ की शुरुआत से ही रंग में नहीं दिख रहे. ये कुछ वैसा ही हो रहा है, जैसा साल 2014 में हुआ था. उस वक्त भी विराट की तकनीक पर सवाल उठ रहे थे और इस बार भी उसका एक्शन रीप्ले ही हो रहा है.


विराट ने इस सीरीज़ में खेली 4 पारियों में 17.25 की बेहद खराब औसत से सिर्फ 69 रन ही बनाए हैं. ऐसा भी नहीं है कि विराट का बल्ला इंग्लैंड जाकर ही रूठा है. विराट के बल्ले से रन लंबे वक्त से नहीं बन रहे.


पिछली 10 टेस्ट पारियों में विराट का औसत 24.56 का है, जबकि ओवरऑल औसत 51 के पार है. 50 पारियों से इंटरनेशनल क्रिकेट के इस बड़े सितारे ने कोई शतक नहीं बनाया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि विराट ने आखिरी टेस्ट शतक 2019 में बनाया था.


क्या विराट पर कप्तानी का दबाव बढ़ रहा है?


क्या लंबे वक्त से तीनों फॉर्मेट की कप्तानी विराट की बल्लेबाज़ी पर असर डाल रही है.ये सवाल हमने एबीपी न्यूज के क्रिकेट एक्सपर्ट और पूर्व तेज गेंदबाज़ अतुल वासन से पूछा.अतुल वासन ने कहा कि समय आ गया है जब विराट को तीनों फॉर्मेट में कप्तानी को लेकर सोचना चाहिए.


वैसे ऐसा नहीं है कि लीड्स में जो हुआ उसके लिए सिर्फ और सिर्फ विराट ही जिम्मेदार हैं. पूरी की पूरी टीम कसूरवार है, पहली पारी में टीम इंडिया सिर्फ 78 रन पर ही ऑल आउट हो गई.रोहित और रहाणे को छोड़ किसी भी बल्लेबाज़ ने दहाई का आकंड़ा नहीं छुआ.पहली बार भारत का कोई बल्लेबाज़ पहली पारी में 20 के स्कोर तक नहीं पहुंचा. विराट की टेस्ट कप्तानी में ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ है, जब 100 रन से कम स्कोर पर पूरी टीम ऑल आउट हो गई.


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