IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच में नागपुर के मैदान पर खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच का पहला दिन पूरी तरह से भारतीय टीम के नाम रहा. टॉस जीतने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ियों के पास रवींद्र जडेजा की स्पिन का जवाब नहीं था जिन्होंने पहली पारी में 5 विकेट अपने नाम करने के साथ कंगारू टीम को 177 के स्कोर पर समेटने में अहम भूमिका निभाई. वहीं पहले दिन का खेल समाप्त होने पर भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 1 विकेट के नुकसान पर 77 रन बना लिए थे.

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने इस पहले मुकाबले में टॉस जीतने के बाद बल्लेबाजी करने का फैसला किया. इसके बाद टीम ने पहले सत्र के खेल में 2 विकेट के नुकसान पर 76 रन बनाकर अपनी स्थिति को शुरुआती झटकों के बाद थोड़ा मजबूत कर लिया था. दूसरे सत्र का खेल शुरू होने के साथ ही रवींद्र जडेजा ने अपनी फिरकी का कमाल दिखाते हुए पहले मार्नश लाबुशेन और मैट रेनशॉ को लगातार 2 गेंदों पर अपना शिकार बनाया. वहीं इसके बाद जडेजा ने टीम इंडिया को बड़ी सफलता दिलाते हुए स्टीव स्मिथ को भी पवेलियन भेजने का काम किया.

कंगारू टीम की पहली पारी में रवींद्र जडेजा ने अपनी 22 ओवरों की गेंदबाजी में 47 रन देने के साथ 5 विकेट हासिल किए. पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद जडेजा ने अपने इस शानदार प्रदर्शन को लेकर कहा कि मैं अपनी गेंदबाजी से काफी खुश हूं और इसका आनंद ले रहा हूं. 5 महीने के बाद खेलना और वह भी टेस्ट क्रिकेट बिल्कुल भी आसान नहीं है. मैने इसको लेकर अपनी फिटनेस पर जमकर काम करने के साथ खूब अभ्यास भी किया. रणजी ट्रॉफी में मैने काफी लंबे समय के बाद खेला और लगभग 42 ओवर उस एक मुकाबले में मैने गेंदबाजी की जिससे टेस्ट सीरीज के शुरू होने से पहले मुझे काफी आत्मविश्वास भी मिला.

मैं एनसीए में एक दिन में लगभग 10 से 12 घंटे गेंदबाजी करता था

रवींद्र जडेजा ने अपने बयान में आगे कहा कि इस विकेट को लेकर बात की जाए इसमें बाउंस कम होने की वजह से मैने स्टंप की लाइन में ही गेंद फेंकने का प्रयास किया. एक बाएं हाथ का स्पिनर होने के नाते यदि आप बल्लेबाज को विकेट के पीछे कैच आउट कराते हैं या स्टंप तो आपको गेंद को इसका श्रेय उस गेंद को देना चाहिए. टेस्ट क्रिकेट में आप जो भी विकेट हासिल करते हैं उसको लेकर आपको खुशी होनी चाहिए. मैं बैंगलोर में जब एनसीए में था उस समय मैने अपनी गेंदबाजी पर काफी मेहनत की और एक दिन में लगभग 10 से 12 घंटे गेंदबाजी करता था जिससे मुझे काफी मदद मिली. मैं अब अपनी लय पर काम कर रहा हूं क्योंकि यह बात मुझे पता है कि मैं टेस्ट मैच खेलूंगा और उसमें मुझे लंबे गेंदबाजी स्पेल भी करने पड़ेंगे.

 

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