Hardik Pandya Profile: हार्दिक पांड्या, टी20 वर्ल्ड कप 2024 में टीम इंडिया के उपकप्तान होंगे. हार्दिक इससे पहले टीम इंडिया की कप्तानी भी कर चुके हैं, लेकिन इस बड़े मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी है. पिता की तबीयत बिगड़ने और आर्थिक संकट आने से हार्दिक और उनके भाई कृणाल के लिए क्रिकेट में आगे बढ़ना आसान नहीं था. जानिए हार्दिक पांड्या ने कैसे दुनिया के सबसे सफल क्रिकेटरों में से एक बनने तक का सफर तय किया है.


गुजरात में पले-बड़े हार्दिक


हार्दिक पांड्या का जन्म 11 अक्टूबर, 1993 को गुजरात के सूरत में हुआ था. उनके पिता का नाम हिमांशु पांड्या है, जो गाड़ियों का फाइनेंस करने का बिजनेस चलाते थे. हिमांशु खुद क्रिकेट को बहुत पसंद करते थे, इसलिए उन्होंने अपने दोनों बेटों (हार्दिक पांड्या और कृणाल पांड्या) को स्पोर्ट्स करियर को गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित किया. हिमांशु अपने बेटों की ट्रेनिंग के कारण फाइनेंस का बिजनेस बंद कर वडोदरा शिफ्ट हो गए थे. हार्दिक और कृणाल ने यहां किरन मोरे की अकादमी में ट्रेनिंग शुरू की थी. मगर कुछ समय बाद ही पांड्या परिवार को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा.


पिता की तबीयत बिगड़ी


हार्दिक और कृणाल का क्रिकेट करियर शुरू होने से पहले ही खत्म होने की कगार पर आ पहुंचा था. पहले ही पांड्या परिवार को आर्थिक समस्याएं थीं, इस बीच हिमांशु पांड्या को 2 बार दिल का दौरा पड़ा. सौभाग्य से सही जांच और शारीरिक आराम के कारण उनकी तबीयत जल्द ठीक होने लगी थी. मगर यहां से हार्दिक और कृणाल का जीवन ही बदल गया था और उन्हें पैसों की किल्लत भी होने लगी थी. उनका परिवार वडोदरा जिले के गोरवा क्षेत्र में किराए के मकान में रहता था. पांड्या भाइयों के लिए एक-एक रुपया बचाना भी मुश्किल होता था और कई सालों तक उनके जीवन में संघर्ष ने पैठ बनाई हुई थी.


200 रुपये के लिए खेलते थे टेनिस मैच


पांड्या परिवार के जीवन में जब वित्तीय संकट आया, तब उनके पास क्रिकेट का सामान खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हुआ करते थे. इसलिए हार्दिक और कृणाल, ट्रकों में बैठ कर गुजरात के अलग-अलग गांव में जाते और 200 रुपये कमाने के लिए लोकल टेनिस टूर्नामेंट में खेलते थे. इससे वो क्रिकेट का सामान खरीद पाते थे.


9वीं क्लास तक की पढ़ाई


हार्दिक पांड्या ने केवल 9वीं क्लास तक पढ़ाई की है क्योंकि उसके बाद उन्होंने अपना जीवन क्रिकेट को समर्पित कर दिया था. हार्दिक क्लब क्रिकेट में काफी अच्छा कर रहे थे और उनके भाई कृणाल बताते हैं कि जूनियर लेवल क्रिकेट में हार्दिक कई बार अकेले दम पर अपनी टीम को जिता देते थे. पिता हिमांशु पांड्या ने एक इंटरव्यू में बताया था कि हार्दिक 18 साल की उम्र तक तेज गेंदबाज नहीं बल्कि लेग-स्पिन बॉलिंग करते थे. मगर कोच सनथ कुमार के अंडर आने के बाद उन्होंने तेज गेंदबाजी करनी शुरू की थी.


2009 में बड़ौदा के लिए खेली 228 रन की पारी


दिसंबर 2009 में अंडर-16 विजय हज़ारे ट्रॉफी में हार्दिक पांड्या ने बड़ौदा के लिए खेलते हुए मुंबई के खिलाफ मैच की पहली पारी में 228 रन बनाए थे. उन्होंने 391 गेंद खेलकर 228 रन बनाए, जिनमें 29 चौके और 1 छक्का शामिल रहा. इस बेहतरीन पारी के चलते उन्हें अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी के लिए बड़ौदा की टीम में जगह मिली थी. हार्दिक ने बड़ौदा टीम के तत्कालीन कप्तान विनीत वाडकर को बहुत प्रभावित किया था.


2013 में हुआ बड़ौदा की सीनियर टीम के लिए डेब्यू


हार्दिक पांडया ने 2013 में बड़ौदा की सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया था. उन्होंने 2013-2014 सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बड़ौदा की टीम को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया था. हार्दिक उस टूर्नामेंट में बड़ौदा के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. उन्होंने 9 मैचों की 8 पारियों में 219 रन बनाए थे. उन्होंने जनवरी 2016 में सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में विदर्भ के खिलाफ मैच में मात्र 46 गेंद में 86 रन की पारी खेलकर सबका ध्यान खींचा था. इस पारी में उन्होंने 3 चौके और 8 छक्के लगाए थे.


2015 में MI फ्रैंचाइज़ी का साथ मिला


ये 2015 ही था, जहां से हार्दिक पांड्या को पूरे विश्व भर में फेम मिलने वाला था. अपने पहले सीजन में उन्होंने 9 मैच खेलते हुए 112 रन बनाए और गेंदबाजी करते हुए एक विकेट भी लिया. उस सीजन में उनकी KKR के खिलाफ 61 रन की नाबाद पारी. उन्होंने 8 चौके और 2 छक्के लगाते हुए 31 गेंद में 61 रन बनाकर अपनी हिटिंग क्षमता से सबको वाकिफ कराया था. वो IPL में हमेशा से मुंबई इंडियंस के लिए खेले हैं. उन्होंने MI फ्रैंचाइज़ी के लिए अब तक 133 मैचों में 2,506 रन बनाने के अलावा 59 विकेट भी झटके हैं.


भारत के लिए डेब्यू


उस समय 22 साल के युवा हार्दिक ने IPL 2015 में ठीक-ठाक प्रदर्शन कर सिलेक्टर्स को काफी हद तक रिझा लिया था. आखिरकार 2016 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए उनका भारतीय टीम में चयन हुआ. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मैच खेलते हुए अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया. उस मैच में हार्दिक की बल्लेबाजी तो नहीं आई, लेकिन गेंदबाजी करते हुए 2 अहम विकेट जरूर चटकाए. उस पूरी सीरीज में हार्दिक की बैटिंग नहीं आई, लेकिन धारदार गेंदबाजी से खासा प्रभावित किया था.


2016 टी20 वर्ल्ड कप में चयन


2016 में डेब्यू के कुछ ही महीनों बाद हार्दिक पांड्या ने टी20 वर्ल्ड कप 2016 के लिए भारतीय टीम में जगह बना ली थी. वर्ल्ड कप में उन्हें केवल 2 बार बल्लेबाजी का अवसर मिला, जिसमें वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. मगर उन्होंने टूर्नामेंट में 5 विकेट झटक कर भारत को सेमीफाइनल तक का सफर तय करने में मदद की थी. ये वही वर्ल्ड कप है जब हार्दिक पांड्या के ओवर की आखिरी गेंद पर भारत ने बांग्लादेश को 1 रन से हराया था. शानदार प्रदर्शन के आधार पर हार्दिक ने तेज गेंदबाजी ऑल-राउंडर के रूप में भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली थी.


2022 में पहली बार की भारत की कप्तानी


जून 2022 में हार्दिक पांड्या को आयरलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम की कप्तानी मिली थी. उस सीरीज के दोनों मैच भारत ने जीते थे. उसी साल इंग्लैंड के खिलाफ एक टी20 मैच में पांड्या ने फिफ्टी लगाने के साथ-साथ 4 विकेट भी झटके थे. इस प्रदर्शन ने पांड्या को किसी टी20 मैच में अर्धशतक लगाने के साथ 4 विकेट लेने वाला पहला खिलाड़ी बना दिया था.


लगातार चोटों से जूझते रहे हैं हार्दिक


हार्दिक पांड्या पहली बार किसी गंभीर चोट का शिकार 2018 एशिया कप के दौरान बने. उन्हें लोवर बैक की समस्याएं होने लगी थीं, लेकिन किसी तरह 2019 वनडे वर्ल्ड कप तक फिट होने में सफल हुए थे. 2019 में सफल सर्जरी के बाद हार्दिक ने काफी क्रिकेट खेली, लेकिन 2023 वनडे वर्ल्ड कप आने से पहले उन्हें टखने में चोट लग गई थी. इसके कारण उन्हें वर्ल्ड कप से बाहर बैठना पड़ा था. इस चोट से उबरने के बाद उन्होंने IPL 2024 में वापसी की है, जहां वो अब तक 10 मैचों में 197 रन बनाने के अलावा 5 विकेट भी ले चुके हैं.


टी20 वर्ल्ड कप के बने उपकप्तान


IPL 2024 में खराब फॉर्म के बावजूद उन्हें टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए भारतीय टीम का उपकप्तान बनाया गया है. हार्दिक अभी तक अंतराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में भारत के लिए 92 मैच खेल चुके हैं, जिनमें उन्होंने 25 से अधिक की औसत से 1,348 रन बनाए हैं. इसके अलावा उन्होंने भारत के लिए खेलते हुए 73 विकेट भी लिए हैं.


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