Test Cricket Saving Formula: दिसंबर 2023 से टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर खूब चर्चा हो रही है. इसके पीछे कई कारण हैं. केवल दो-दो मैचों की टेस्ट सीरीज होना, दक्षिण अफ्रीका के न्यूजीलैंड टेस्ट दौरे पर सीनियर खिलाड़ियों का टीम में न होना, क्रिकेटर्स का फ्रेंचाइजी क्रिकेट के लिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जो पिछले डेढ़ महीने में सामने आई हैं. कई पूर्व क्रिकेटर्स इन सब घटनाओं को टेस्ट क्रिकेट के लिए खतरे के तौर पर देख रहे हैं और अपने-अपने हिसाब से टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए अलग-अलग फॉर्मूला दे रहे हैं. ऐसा ही एक समाधान इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की ने दिया है.


रॉब की ने टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए वाकई एक जबरदस्त तरीका सुझाया है. उनके मुताबिक, टेस्ट क्रिकेट के लिए साल में कुछ विंडो तय की जानी चाहिए जिनमें सभी टेस्ट प्लेइंग नेशन केवल और केवल टेस्ट क्रिकेट ही खेल सके. उन्होंने यह भी कहा कि इस विंडो के दौरान दुनियाभर में कहीं भी टेस्ट के अलावा कोई व्हाइट बॉल टूर्नामेंट नहीं होना चाहिए.


ऐसा है रॉब का टेस्ट बचाने का फॉर्मूला
बीबीसी टेलएंडर्स पॉडकास्ट पर बातचीत करते हुए रॉब ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट को विंडो की जरूरत है. साल भर आईपीएल जैसे कई सारे फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट खेले जाते हैं, व्हाइट बॉल टूर्नामेंट होते रहते हैं. यहां टेस्ट क्रिकेट को एक ऐसी विंडो की जरूरत है जब क्रिकेट के अन्य फॉर्मेट के गेम खेलने पर प्रतिबंध रहे. इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत के क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी को इस मामले में अन्य देशों पर ध्यान रखना चाहिए.'


रॉब ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट के लिए हमें थोड़ा अहंकार भी छोड़ना होगा. हमारा नजरिया यह है कि जब तक कोई खिलाड़ी 150 व्हाइट बॉल गेम न खेल ले तब तक वह टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सकता. ऐसा नहीं होना चाहिए. यहां होना यह चाहिए कि जो भी काबिल खिलाड़ी हो उसे सीधे रेड बॉल गेम में मौका दिया जाना चाहिए.'


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