बेंगलुरू: ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने परेशानी से जूझने के बावजूद अपने जुझारू प्रदर्शन से भारत को मुश्किल में डालने के लिए अपने जूनियर साझेदार मैथ्यू रेनशॉ की तारीफ की है.
पहली बार भारत दौरे पर आए 20 साल के रेनशॉ ने पेट में गड़बड़ और चक्कर आने के बावजूद 68 और 31 रन की पारियां खेली. उन्हें मैच के दौरान उपचार भी कराना पड़ा. वार्नर ने कहा, ‘‘भारत में पहला मैच, भारत ने संभवत: इसकी उम्मीद नहीं की थी. हमने भी कभी उसे (रेनशा को) इन परिस्थितियों में खेलते हुए नहीं देखा था इसलिए हमें भी नहीं पता था कि वह कैसे खेलेगा और यह उसके खेल के बारे में अच्छी चीज थी. जब आपकी टीम में नये लोग होते हैं तो आपको नहीं पता होता कि वे क्या करने में सक्षम हैं और यह आपको अतिरिक्त हथियार देता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (रेनशा) शानदार खेला. अगर वह मैदान पर टिका रहता या वापस नहीं आता (पहली पारी में) तो शायद चीजें अलग होती. लेकिन वह जिस तरह खेला और जिस तरह वापस जाने, बीमार होने के बाद उसने सामंजस्य बैठाना और वापस गया, उसे श्रेय जाता है.’’ वार्नर ने कहा कि भारत आने से पहले दुबई में हफ्ते भर की ट्रेनिंग भारतीय टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ चीज थी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गर्मियों के सत्र के बाद दुबई में एक हफ्ता बिताना और तरोताजा होना मेरे और मेरी तैयारी के लिए सर्वश्रेष्ठ था. और मुझे पता है कि जल्द दुबई जाने वाले सभी खिलाड़ी बता रहे थे कि वहां तैयारी करना कितना अच्छा था.’’
वॉर्नर ने चेताया कि बाकी बचे तीन मैचों में भारत ऑस्ट्रेलिया पर मजबूत पलटवार करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘वे (भारत) दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम हैं. वे शानदार खिलाड़ियों का समूह हैं और हमें पता है कि क्या उम्मीद करनी है. हमने पुणे में सब कुछ देखा- उनके गेंदबाजी के बदलाव, क्षेत्ररक्षकों की स्थिति, वे नंबर एक टीम के रूप में जैसे खेले, इसलिए हमारे लिए घरेलू सरजमीं पर उन्हें हराना शानदार और बेहतरीन था.’’
वॉर्नर ने कहा, ‘‘लेकिन हमें पता है कि वे मजबूत वापसी करेंगे और हमें यहां भी हालात से बेहतर तरीके से सामंजस्य बैठाना होगा.’’ ऑस्ट्रेलिया के इस सलामी बल्लेबाज ने स्वीकार किया कि पुणे का विकेट ऐसा नहीं था जहां कोई अपना नैसर्गिक खेल दिखा सके.
उन्होंेने कहा, ‘‘वह :पुणे का: संभवत: ऐसा विकेट नहीं था जहां आप अपने शाट खेल सको. इसलिए मेरे लिए यह हल्के हाथ से खेलना, स्ट्राइक रोटेट करना और अपने डिफेंस से उनके गेंदबाजों पर दबाव डालकर बाउंड्री लगा था. कुछ मौके पर मैंने यह भी सोचा कि मैं बड़ा शाट खेल सकता हूं.’’