वरिष्ठ खेल पत्रकार, शिवेंद्र कुमार सिंह


आईपीएल में सितारों से सजी टीमों में इस सीजन की चैंपियन मुंबई इंडियंस भी शामिल है. इस टीम में हमेशा से देसी-विदेशी स्टार खिलाड़ियों की भरमार रही है. कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो आईपीएल की शुरूआत से ही टीम के साथ बने हुए हैं. पिछले दस सालों में हर टीम की तरह ही मुंबई इंडियंस ने भी उतार चढाव देखा. बावजूद इसके मुंबई इंडियंस के मालिकों और ‘थिंकटैंक’ ने भी टीम में ज्यादा बदलाव की वकालत नहीं की.



यही वजह है कि मुंबई इंडियंस आईपीएल के इतिहास में पहली ऐसी टीम है जिसने तीन बार खिताब पर कब्जा किया है. इस जीत के बाद भी अगर मुंबई इंडियंस के लिए आज कहीं चिंता की बात है तो वो है इस सीजन में उसके स्टार खिलाड़ियों का प्रदर्शन. सच्चाई ये है कि इस सीजन में मुंबई को मिली कामयाबी में उसके बड़े बड़े धुरंधर खिलाड़ी काम नहीं आए बल्कि काम आए वो खिलाड़ी जो अपेक्षाकृत नए हैं, कम अनुभवी हैं और आईपीएल की कमाई के मामले में धुरंधरों से बहुत पीछे. 



बड़े बड़े धुरंधर नहीं चले 



फाइनल की बात अभी छोड़ देते हैं. उसके पहले भी पूरे सीजन का अगर आंकलन किया जाए तो मुंबई के बड़े बड़े धुरंधर खिलाड़ियों की ‘फॉर्म’ ने उन्हें धोखा दिया. इस फेहरिस्त में सबसे बड़ा नाम मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा का ही है. कप्तानी में जहां उन्होंने खिताब जीतकर कमाल कर दिया, वहीं बल्लेबाजी में वो बिल्कुल बेरंग दिखाई दिए. इस सीजन के 17 मैचों में उन्होंने सिर्फ 333 रन बनाए. उनकी औसत 24 से भी कम की रही. बल्लेबाजी में दूसरे फ्लॉप स्टार रहे कीरॉन पोलार्ड. उन्होंने ने भी सीजन के 17 मैचों में 30 से कम की औसत से रन बनाए.



वेस्टइंडीज के ही लेंडल सिंमस भी बतौर ओपनर औसत ही रहे. उन्होंने सीजन में 7 मैच खेले और उनकी औसत 20 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई. बतौर अनुभवी स्पिनर मुंबई के एक और स्टार क्रिकेटर हरभजन सिंह के लिए भी ये सीजन औसत ही रहा. इस सीजन में उन्होंने 11 मैच खेले लेकिन उन्हें सिर्फ 8 विकेट ही मिले. हालांकि हरभजन सिंह की तारीफ इस बात के लिए करनी होगी कि वो हमेशा की तरह इस सीजन में भी किफायती साबित हुए. उन्होंने पूरे सीजन में 41 ओवर फेंके और 6.48 की इकॉनमी से रन दिए. इस सीजन में वो अपनी टीम के सबसे किफायती गेंदबाज रहे. ‘अंत भला तो सब भला’ की तर्ज पर टीम मैनेजमेंट को फिलहाल परेशान होने की जरूरत कतई नहीं लेकिन इन खिलाड़ियों को आत्ममंथन की जरूरत जरूर है.



नए खिलाड़ियों के जोश और जज्बे से मिली जीत



मुंबई को इस सीजन का चैंपियन बनाने में जिन खिलाड़ियों का बड़ा रोल रहा वो आने वाले कल के स्टार हैं. उनमें से कुछ का अंतर्राष्ट्रीय करियर या तो अभी शुरू ही हुआ है या अभी वो इसके इंतजार में हैं. इस फेहरिस्त में हार्दिक पांड्या, क्रुनाल पांड्या, कर्ण शर्मा और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी शामिल हैं. पहले कोलकाता के खिलाफ और फिर पुणे के खिलाफ मिली दो लगातार जीतों में इन खिलाड़ियों का रोल जबरदस्त रहा.



वैसे भी पूरे सीजन में इन चार खिलाड़ियों की चौकड़ी ने मुंबई को प्वाइंट टेबल में पहले पायदान पर रखा. हार्दिक पांड्या ने सीजन में 150 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से रन बनाए. वो जिस क्रम पर बल्लेबाजी करने आते रहे वहां तेजी से रन बटोरने की जरूरत थी. वो ज्यादातर मौके पर खरे उतरे. सीजन में उनके नाम 250 रन हैं. बड़ी बात ये है कि इसमें 20 छक्के शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने 6 विकेट भी लिए. क्रुनाल पांड्या ने भी बल्ले और गेंद से अच्छा रोल अदा किया. उन्होंने 13 मैच में 243 रन बनाए. साथ ही 10 विकेट भी लिए. फाइनल में तो उन्हीं के बल्ले से निकले रनों की बदौलत मुंबई की टीम सम्मानजनक स्कोर तक पहुंची.



नीतिश राना ने 13 मैचों में 333 रन बनाए. उनका औसत 30.27 रहा. सचिन तेंडुलकर तक ने नीतिश की बल्लेबाजी का जिक्र किया. आखिर में उस गेंदबाज की बात जिसने असली तहलका मचाया. जसप्रीत बुमराह ने पूरे सीजन में शानदार गेंदबाजी की. कप्तान ने जब भी उन्हें गेंद दी उन्होंने रिजल्ट दिया. फाइनल में भी बुमराह ने शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने सीजन में 20 विकेट लिए. उनका इकॉनमी रेट 7.4 का रहा. अगली बार जब आप मुंबई इंडियंस की जीत की तारीफ करें तो इन ‘साइडहीरोज’ का जिक्र जरूर कीजिएगा.