पिछले साल यानी 2020 में कोरोना महामारी के कारण लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रिकेट बंद रहा. बढ़ते संक्रमण की वजह से कई बड़े टूर्नामेंट और द्विपक्षीय सीरीज रद्द तक करनी पड़ीं. लेकिन जैसे-जैसे अब स्थिति सामान्य हो रही थी, तभी जिम्बाब्वे से एक निराश करने वाली खबर सामने आई है. दरअसल, यहां कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.


दरअसल, जिम्बाब्वे में पिछले एक हफ्ते में कोरोना के 1342 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, वहीं इस दौरान संक्रमण से 29 लोगों की मौत हुई है. सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए एक बार फिर लॉकडाउन लगा दिया है. इस फैसला का क्रिकेट पर काफी गहरा असर पड़ा है.


यह काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति है- जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड


जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने रविवार को बयान में कहा, "यह काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति है. लेकिन जिम्बाब्वे क्रिकेट का लक्ष्य सभी प्रभावित टूर्नामेंटों का कार्यक्रम दोबारा तैयार करना है, जिसमें एलीट पुरुष घरेलू टी20 प्रतियोगिता भी शामिल हैं, जो सोमवार से शुरू होनी थी. जब भी सुरक्षित लगेगा तब इन प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा."


बता दें कि जिम्बाब्वे ने पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण दुनिया भर में खेल गतिविधियां ठप पड़ने के बाद से किसी टीम की मेजबानी नहीं की है. जिम्बाब्वे को पिछले साल अप्रैल में आयरलैंड और अगस्त में अफगानिस्तान और भारत की मेजबानी करनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इन दौरों को रद्द कर दिया गया था.


खतरे में अफगानिस्तान के साथ सीरीज


गौरतलब है कि जिम्बाब्वे को अगले महीने अफगानिस्तान के साथ तीन मैचों की टी20 और दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. जिम्बाब्वे में कोरोना पर अगर कंट्रोल नहीं हुआ तो ये सीरीज खतरे में पड़ सकती है. हालांकि, पहले ये सीरीज भारत में होनी थी, लेकिन इसके बाद जिम्बाब्वे ने खुद अफगानिस्तान की मेज़बानी करने की बात कही थी.


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