वेस्टइंडीज में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद भारतीय उप कप्तान अजिंक्य रहाणे अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने इस फॉर्म को बरकरार रखना चाहते हैं. उनका मानना है कि भारतीय पिच पर वो एक बार फिर कमाल करना चाहते हैं और वेस्टइंडीज के मुकाबले यहां खेलने में थोड़ी आसानी महसूस होगी. उनका मानना है कि वो खुद पर ज्यादा प्रेशर नहीं डालना चाहते और फॉर्म बनाकर रखना चाहते हैं.


रहाणे ने कहा कि जब आप रन बनाते हैं तो आपको बाहर से चीजें काफी आसान नजर आती है लेकिन इस दौरान आपको अपने जोन में रहना होता है और फोकस करना होता है. क्योंकि आपको नहीं पता आनेवाले समय में आपके सामने कैसे चैलेंज आ सकते हैं. मुंबई के इस बल्लेबाज ने कहा कि टेस्ट चैंपियनशिप की शुरूआत के बाद वो किसी भी टीम को हलके में नहीं ले सकते. इसलिए हमें अपना खेल खेलना होगा और विरोधी टीम की इज्ज्त करनी होगी.

क्या है नंबर 17 का कनेक्शन

रहाणे ने अबतक कुल 58 टेस्ट खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 42.24 के एवरेज के साथ 3759 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 10 शतक और 19 अर्धशतक लगाए हैं. हालांकि अब रहाणे ने खुलासा किया है कि उनका और नंबर 17 का एक स्पेशल कनेक्शन है.

अंजिक्य रहाणे लगातार 17 टेस्ट तक शतक नहीं जड़ पाये थे लेकिन अब अच्छी फार्म में चल रहा है मध्यक्रम का यह बल्लेबाज अपने लिये इस नंबर को भाग्यशाली मानने लगा है. टेस्ट टीम के उप कप्तान रहाणे पर वेस्टइंडीज दौरे में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था. उन्होंने एंटीगा में पहले टेस्ट मैच में 81 और 102 रन की पारियां खेलकर फार्म में वापसी की थी.

रहाणे ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट क्रिकेट मैच से यहां मराठी में कहा, ‘‘आपको प्रत्येक मैच और श्रृंखला से सीख मिलती है. मुझे अपने टेस्ट पदार्पण के लिये दो साल, 17 टेस्ट तक इंतजार करना पड़ा और फिर इस शतक के लिये 17 टेस्ट तक इंतजार किया. मुझे लगता है कि इसमें कुछ संबंध है. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं हैंपशर की तरफ से खेल रहा था तो सोच रहा था कि पदार्पण से पहले मेरी मानसिकता कैसी थी. इन 17 टेस्ट मैचों में मैं शतक नहीं लगा पाया. मैं शतक लगाने के लिये जीतोड़ प्रयास कर रहा था लेकिन मैं वहां तक नहीं पहुंच रहा था. ’’ रहाणे ने कहा, ‘‘इसलिए वेस्टइंडीज में मैंने फैसला किया कि चाहे कुछ भी हो मैं शतक बनाने के बारे में नहीं सोचूंगा. अगर शतक लगना है तो वह लगेगा. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें घरेलू सरजमीं पर अभी दक्षिण अफ्रीका (तीन टेस्ट) और बांग्लादेश (दो टेस्ट) के खिलाफ पांच टेस्ट मैच खेलने हैं. टेस्ट चैंपियनशिप के कारण आप किसी भी टीम को हल्के से नहीं ले सकते हैं. यहां तक कि चैंपियनशिप से पहले भी हम किसी टीम को हल्के से नहीं लेते थे और अब जबकि इससे अंक जुड़ गये हैं तो फिर प्रत्येक मैच महत्वपूर्ण बन गया है. ’’