डिसिजन रिव्यू सिस्टम यानी की DRS का इस्तेमाल पहली बार रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में होगा. ये मुकाबला सौराष्ट्र और गुजरात के बीच रविवार को राजकोट में खेला जाएगा. हर टीम को एक इनिंग्स के हिसाब से चार रेफरल मिलेंगे. हालांकि टेक्नॉलजी में हॉक आई और अल्ट्रा एड्ज का इस्तेमाल नहीं होगा.


मंगलवार को जारी किए गए प्रेस प्रेस रिलीज में कहा गया कि, '' पहली बार रणजी ट्रॉफी में अंपायर डिसिजन रिव्यू सिस्टम की शुरूआत की जा रही है. ये टेक्नॉलजी रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल और फाइनल मैच में इस्तेमाल होगी. सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन ने इस बात की जानकारी दी.

पिछले हफ्ते बीसीसीआई के जनरल मैनेजर सबा करीम ने कहा कि रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में डीआरएस का लिमिटेड इस्तेमाल पहले से होने वाला था. जबकि नॉकआउट स्टेज में इसके इस्तेमाल की कोई प्लनिंग नहीं हुई थी. इसका फैसला उस वक्त लिया गया जब पिछले मुकाबलों में अंपायर्स से बहुत सारी गलतियां हुई.

रिलीज में इस बात की भी जानकारी दी गई कि हर इनिंग्स में कुल 4 खिलाड़ियों को रिव्यू मिलेगा. इसमें तभी ऐसा होगा जब रिव्यू की मांग की जाएगी जिसके बाद निर्णय को बदला जा सकेगा.

सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जयदेव शाह ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि रणजी ट्रॉफी के साथ विजय हजारे ट्रॉफी और सय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी भी डोमेस्टिक क्रिकेट के काफी अहम हिस्से हैं. बता दें कि सौराष्ट्र का छठवां सेमीफाइनल मुकाबला होगा. दूसरे सेमीफाइनल में कर्नाटक और बंगाल के बीच ये जंग होगी.