पूर्व भारतीय विकेटकीपर किरण मोरे ने हाल ही में खुलासा किया कि 1989 में भारत और पाकिस्तान के बीच टेस्ट श्रृंखला के दौरान गेंद से छेड़छाड़ की गई थी. दोनों टीमों के खिलाड़ी रिवर्स स्विंग पाने के लिए गेंद को खरोंचते थे. हालांकि, किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि ऐसे मामलों में सजा का कोई प्रावधान नहीं था.


भारतीय क्रिकेट टीम ने 1989 में चार मैचों की टेस्ट और एकदिवसीय श्रृंखला के लिए पाकिस्तान का दौरा किया. इसे एक विशेष श्रृंखला के रूप में पेश किया जा सकता है क्योंकि दो शानदार क्रिकेटर्स सचिन तेंदुलकर और वकार यूनिस ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था. हालांकि सभी चार टेस्ट मैच ड्रॉ रहे, भारत को 2-0 के स्कोर के साथ एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सीरीज में हार का सामना करना पड़ा.


'द ग्रेटेस्ट राइवलरी पॉडकास्ट' पर बोलते हुए, मोरे ने 1989 के पाकिस्तान दौरे की अपनी यादों को याद किया. उन्होंने कहा कि उस श्रृंखला में बल्लेबाजी कितनी मुश्किल थी क्योंकि दोनों टीमों के गेंदबाज गेंद को खरोंचते थे. इसके अलावा, बेईमानी के बारे में जानने के बावजूद, अंपायर बहुत कुछ नहीं कर सकते क्योंकि इस अपराध के लिए कोई दंड नहीं था.


इससे पहले, उस श्रृंखला के अंपायरों में से एक, जॉन होल्डर ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वे शक्तिहीन थे और गेंद से छेड़छाड़ के मुद्दे पर कुछ नहीं कर सकते थे. होल्डर ने यह भी कहा कि दोनों कप्तान श्रीकांत और इमरान खान को बात करने के लिए बुलाया था लेकिन उन्हें कोई फल नहीं मिला. हालाँकि, होल्डर ने नियमों में बदलाव की सराहना की क्योंकि अब अंपायर दोषी पाए जाने पर बाकी सीरीज़ के लिए गेंदबाज़ी पर प्रतिबंध लगा सकते हैं.