Azadi Ka Amrit Mahotsav: कभी सुना है कि किसी एथलीट के गोल्ड मेडल जीतने पर पूरे देश में एक दिन की छुट्टी रख दी गई हो. यह बात सुनने में अजीब लग सकती है लेकिन ऐसा हुआ है. आजाद भारत को जब एथलेटिक्स (Athletics) में अपना पहला बड़ा मेडल मिला था तो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी थी. यह बात साल 1958 की है. इस साल कार्डिफ में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2022) में मिल्खा सिंह ने 440 यार्ड की रेड में गोल्ड जीता था. कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में तो यह पहला गोल्ड मेडल था ही, इसके साथ ही एथलेटिक्स में भी पहला बड़ा मेडल था.


इस गोल्ड से लेकर अब तक आजाद भारत में कम ही मौके पर एथलेटिक्स में बड़े मेडल आए हैं. पिछले साल हुए टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा का गोल्ड भारतीय एथलेटिक्स के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा मेडल रहा. आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम यहां एथलेटिक्स में कुछ ऐसी ही बड़ी उपलब्धियों की एक झलक लेकर आए हैं...


1. कार्डिफ में साल 1958 के कॉमनवेल्थ गेम्स में मिल्खा सिंह ने 46.71 सेकंड में 440 यार्ड रेस पूरी की थी. वह बेहद करीब से गोल्ड जीतने में कामयाब रहे थे. आजादी मिलने के बाद किसी बड़े मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट के एथलेटिक्स में भारत का यह पहला मेडल था.


2. जमैका के किंग्स्टन में साल 1966 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के प्रवीण कुमार सोबती ने हैमर थ्रो में सिल्वर जीता था. उन्होंने हैमर को 60.12 मीटर दूर फेंका था. यह सिल्वर मेडल कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में भारत का एथलेटिक्स में दूसरा पदक रहा. बता दें कि प्रवीण सोबती महाभारत टीवी शो में 'भीम' का रोल अदा कर चुके हैं.


3. मोहिंदर सिंह गिल ने 1970 और 1974 के कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार ट्रिपल जंप मे मेडल जीते. 1970 में वह ब्रॉन्ज जीते और 1974 में उन्होंने इसी स्पर्धा का सिल्वर जीता. यह कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में एथलेटिक्स में भारत के तीसरे और चौथे पदक थे. 


4. अंजू बॉबी जॉर्ज ने साल 2003 में पेरिस में हुए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीता था. वह 6.70 मीटर लंबी छलांग लगाकर तीसरे स्थान पर रही थीं. वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में किसी भारतीय द्वारा जीता गया यह पहला मेडल था.


5. साल 2006 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की महिला रिले टीम ने सिल्वर मेडल जीता था. राजविंदर कौर, चित्रा सोनम, मंजीत कौर और पिंकी प्रमाणिक की चौकड़ी बेहद करीब से 4*400 मीटर रिले का गोल्ड चूक गईं थी. इसके बाद साल नई दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में चित्रा और मंजीत के साथ सिनी जोस, अश्विनी अखुंजी, मंदीप कौर और जौना मुर्मु ने भारत को 4*400 मीटर रिले रेस का गोल्ड दिलाया था. मिल्खा सिंह के बाद एथलेटिक्स में भारत का यह दूसरा बड़ा गोल्ड मेडल था.


6. नई दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 भारत के लिए एथलेटिक्स में सबसे बड़ी उपलब्धि साबित हुए थे. इस कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने एथलेटिक्स में 12 मेडल जीते थे. इनमें 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज शामिल थे. इन खेलों के बाद भारतीय खिलाड़ी एथलेटिक्स में लगातार बेहतर प्रदर्शन करते देखे गए.


7. टोक्यो में हुए ओलंपिक 2020 में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीता. यह ओलंपिक में स्वतंत्रता के बाद किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा एथलेटिक्स में जीता गया पहला मेडल रहा. इससे पहले साल 1900 में हुए ओलंपिक में नॉर्मन प्रीचर्ड ने भारत के लिए पदक जीता था. नीरज ने इसके बाद वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में भी सिल्वर मेडल जीता. वह इस चैंपियनशिप में अंजू बॉबी जॉर्ड के बाद मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय बने.


8. बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में 8 मेडल जीते. इसमें एक गोल्ड, चार सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल रहे. तेजस्विन शंकर ने हाई जंप और श्रीशंकर मुरली लॉन्ग जंप में इतिहास रचते हुए मेडल जीते. वहीं ट्रिपल जंप में भारत को दो पदक मिले. एल्डोस पॉल को गोल्ड और अब्दुल्ला अबुबकर को सिल्वर मिला.


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