12 राज्यों में चुनाव आयोग की तरफ से जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासत जारी है. राहुल-तेजस्वी के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी SIR का खुलकर विरोध शुरु कर दिया है. इस मुद्दे पर अब पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच सीधा टकराव देखने को मिल सकता है. 

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने SIR प्रक्रिया का विरोध करते हुए, इसे नोटबंदी की तरह वोटबंदी करार देते हुए स्पष्ट रूप से सियासी लड़ाई बना दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह बयान सोमवार को मीडिया से बात करते हुए आया है. वह दो दिन के दौरे पर सिलीगुड़ी पहुंची हैं. 

इस्तीफा दें गृहमंत्री अमित शाह: CM ममता

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ममता बनर्जी ने घुसपैठियों के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को घेरते हुए, गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार बिहार में घुसपैठियों की बात करती है. गृहमंत्री इस बात का जिक्र भी करते हैं. बिहार चुनावी रैली में उन्होंने कई बार इसका जिक्र किया है. अब यह बात बताइए, बिहार में तो आपकी सरकार है. इसके बाद घुसपैठिए घूम रहे हैं. ऐसे में गृह मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. 

CM ममता ने क्या कहा?

ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा- आप मेरा गला काट सकते हैं. जेल भी भेज सकते हैं, लेकिन राज्य के असली वोटर का नाम मत कांटे. अगर आप ऐसा करते हैं, तो विरोध किया जाएगा. 

ममता ने केंद्र सरकार को लिया आड़े हाथ

केंद्र सरकार चुनाव आयोग के साथ मिलकर गलत काम कर रहा है. सरकार को डर है कि अब जनता उनके झूठ को पकड़ रही है. बस इसलिए SIR के जरिए वोट चोरी की जा रही है. सरकार जानबूझकर अधिकारियों को व्यस्त रख रही है, जिससे वे अगले 3 महीने काम न कर सकें. अगर देखा जाए तो ये एक तरह की सुपर इमरजेंसी है. 

उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि SIR के मामले पर अब टीएमसी भी खुलकर सामने आ गई है. सभी का कहना है कि एसआईआर को रोका जाना चाहिए. ये पूरी प्रोसेस राज्य के लोगों को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि इस एसआईआर की प्रक्रिया के तहत इतने सारे लोग मर गए, लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से एक भी शोक संदेश नहीं आया.

उन्होंने कहा, चुनाव आयोग पूरी तरह से केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है. केंद्र में बैठी सरकार ही चुनाव आयोग को आदेश दे रही है. लेकिन हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे.