बचपन से पैसों की समझ क्यों जरूरी? जानें बच्चों को फाइनेंशियल लिटरेसी सिखाने के आसान तरीके
पैसों की समझ बच्चों में सही माइंडसेट विकसित करती है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जो बच्चे छोटी उम्र में पैसों की वैल्यू समझ लेते हैं, वह आगे चलकर कर्ज से बचते हैं और जिम्मेदारी से फैसले लेते हैं. यह स्किल स्कूल में नहीं सिखाई जाती, लेकिन जीवन भर काम आती है.
वहीं छोटे बच्चों को भारी भरकम लेसन की जरूरत नहीं होती है. उन्हें सिक्कों और नोटों की पहचान करना यह समझना कि पैसा मेहनत से कमाया जाता है और जरूरत व इच्छा में फर्क क्या होता है यह शुरुआती कदम माना जाता है. रोजमर्रा के काम जैसे किराना खरीदना या बिल भरना सीखने का अच्छा मौका बना सकते हैं.
इसके अलावा बचत सीखने के लिए गुल्लक या अलग सेविंग जार एक आसान तरीका है. इससे बच्चे अपनी जमा की गई रकम गिन पाते हैं और धीरे-धीरे सेविंग की अहमियत समझते है. यह आदत आगे चलकर फाइनेंशियल प्लानिंग में उनकी मदद करती है.
इसके अलावा बच्चों को यह समझना भी जरूरी है कि पैसा यूं ही नहीं आता. छोटे-छोटे काम या जिम्मेदारियों के बदले पॉकेट मनी देना, उन्हें मेहनत और कमाई का रिश्ता समझता है. इससे वो खर्च करते समय ज्यादा सोच समझकर फैसला लेते हैं.
सोच समझ कर खर्च करने की आदत बच्चों को इम्पल्स बायिंग से बचाती है. यह उन्हें भविष्य में फाइनेंशियल स्ट्रेस से दूर रखती है. वहीं पैसों पर बात करना घर में कभी टैबू नहीं होना चाहिए, बल्कि खुलकर समझाया जाना चाहिए.