क्या है राइट टू रिपेयर? जिससे कम हो जाएगा प्रोडक्ट की रिपेरिंग का खर्च, खत्म नहीं होगी वारंटी
सरकार ने राइट टू रिपेयर नाम के पोर्टल की शुरुआत की है. इस पोर्टल के तहत आपको फ्रीडम होगी कि आप कोई भी पार्ट कहीं भी रिपेयर कराएं आपकी वारंटी खत्म नहीं होगी. हालांकि इसे लेकर भी कुछ शर्त है.
कंपनियों ने राइट टू रिपेयर पोर्टल पर अपने प्रोडक्ट के जिन पार्ट को डाले हैं, उन्हीं की रिपेयरिंग की जा सकती है. बाकी के पार्ट की रिपेयरिंग नहीं की जा सकती है.
अगर आप दूसरी जगह पर मोबाइल, कार या अन्य किसी प्रोडक्ट के पार्ट चेंज कराते हैं और वह नकली निकल जाता है तो आप वारंटी क्लेम नहीं कर पाएंगे. बदला गया पार्ट ओरिजनल होने पर ही वारंटी क्लेम किया जा सकता है.
राइट टू रिपेयर से रिपेयर के आने से अब पार्ट बदलवाने पर आपको ज्यादा पैसों का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. साथ ही आसानी से प्रोडक्ट मिल जाएगा.
हालांकि आपको कहीं से भी रिपेरिंग नहीं करानी चाहिए. पहले आपकों राइट टू रिपेयर पोर्टल पर जाना चाहिए और यहां पर कंपनी और प्रोडक्ट की लिस्ट चेक करनी चाहिए. उपलब्ध होने पर ही रिपेरिंग कराएं.
बता दें कि सैमसंग से लेकर हवेल्स, एलजी, केंट, होंडा, हीरो, समसैंग, बोट, एपी, माइक्रोटेक, एलजी, ओपो केयर, पैनासोनिक और एप्पल जैसी कंपनियां रजिस्टर्ड हैं और बाकी भी रजिस्टर्ड हो रही हैं.