भारत या दुबई... कहां प्रॉपर्टी खरीदना ज्यादा आसान? जान लें फायदे की बात
भारत में प्रॉपर्टी खरीदना आम लोगों के लिए थोड़ा आसान है. क्योंकि यहां बैंक लोन, सब्सिडी और सरकार की हाउसिंग स्कीम जैसी सुविधाएं मिलती हैं. डॉक्युमेंटेशन थोड़ा लंबा जरूर होता है. लेकिन लीगल प्रक्रिया आसान है और खरीदार को अधिकारों की पूरी सेफ्टी मिलती है.
दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया तेज और डिजिटल है. विदेशी नागरिक भी यहां फ्रीहोल्ड जोन में प्रॉपर्टी ले सकते हैं. यहां टैक्स बेनेफिट्स और इंटरनेशनल रेंटल इनकम के मौके ज्यादा हैं. लेकिन शुरुआती निवेश भारत की तुलना में कहीं बड़ा होता है.
अगर कंपेयर करें तो भारत में प्रॉपर्टी टैक्स, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस ज्यादा हैं. लेकिन यहां जमीन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. छोटे शहरों और टियर-2 एरियाज में इन्वेस्टमेंट करने से लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलता है और रिस्क भी कम रहता है
दुबई में खरीदार को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता. जिससे रेंटल इनकम पूरी तरह आपकी होती है. तो साथ ही शहर की ग्लोबल डिमांड और बिजनेस माहौल के चलते प्रॉपर्टी वैल्यू तेजी से बढ़ती है. हालांकि मेंटेनेंस कॉस्ट और सर्विस चार्ज यहां ज्यादा होते हैं.
भारत में प्रॉपर्टी खरीदते वक्त कानूनी जांच जरूरी है. जमीन या फ्लैट का टाइटल क्लियर होना चाहिए और RERA रजिस्ट्रेशन जरूर चेक करें. वहीं दुबई में खरीदने से पहले डेवलपर की ट्रैक रिकॉर्ड और लोकेशन की वैल्यू जानना समझदारी है.
अगर आप लॉन्ग टर्म सेफ इन्वेस्टमेंट चाहते हैं तो भारत बेहतर है. लेकिन हाई रिटर्न और इंटरनेशनल एक्सपोजर के लिए दुबई एक स्मार्ट ऑप्शन है. इसलिए फैसला करते वक्त अपने बजट, गोल और रिस्क लेवल का ध्यान रखें. क्योंकि दोनों जगह के फायदे अलग-अलग हैं.