मेडिकल पॉलिसी लेते समय इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है मुसीबत
मेडिकल इंश्योरेंस लेते वक्त आपको सही पॉलिसी का चुनाव करना बेहद जरूरी होता है. अगर आप सही मेडिकल पॉलिसी नहीं लेते. तो फिर आपको फायदे की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है. मेडिकल पॉलिसी लेते वक्त इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
जब आप मेडिकल इंश्योरेंस ले रहे हो तो सबसे पहले आपको अपनी पॉलिसी के कवरेज को समझना चाहिए. यानी कि आपकी पॉलिसी में कौन-कौन से मेडिकल खर्च शामिल हैं. क्या इसमें परी और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्च शामिल है क्या उसमें सर्जरी, दवाइयां और डायग्नोस्टिक टेस्ट की कवरेज है.
इसके अलावा आपको पॉलिसी में वेटिंग पीरियड के बारे में भी जानकारी लेनी जरूरी होती है. क्योंकि पहले से मौजूद कुछ बीमारियों को लेकर कई बीमा कंपनियां एक वेटिंग पीरियड तय करती हैं. जो आमतौर पर 2 से 3 साल तक का होता है. इसलिए अगर आपको किसी बीमारी को लेकर कवर चाहिए तो पता जरूर कर लें.
इसके अलावा आप जब मेडिकल पॉलिसी ले रहे हो तो पॉलिसी की तहत आने वाले नेटवर्क अस्पतालों की लिस्ट जरूर चेक करें, साथ ही इस बात का भी पता करेगी अस्पतालों में कैशलेस क्लेम की फैसिलिटी उपलब्ध है या नहीं ताकि इमरजेंसी के वक्त आपको परेशान ना होना पड़े.
इसके साथ ही आप क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया के बारे में ही पता कर ले कि उसके लिए कितना समय लगता है साथ ही यह जाने लाइव जरूरी है की पॉलिसी में किन बीमारियों को कर नहीं किया जा रहा. ताकि इलाज के वक्त आपको मुश्किल ना हो.
इसके साथ ही यह चीज भी पता कर लेना बहुत जरूरी है कि आपके प्रीमियम की तुलना में कवरेज कितना मिल रहा है सस्ती पॉलिसी के चक्कर में आप कवरेज से समझौता बिल्कुल ना करें. कंपेयर करने के बाद ही कोई पॉलिसी लें.