महाकुंभ के लिए वेटिंग में है टिकट तो क्या फिर भी ट्रेन में चढ़ सकते हैं आप? जान लीजिए नियम
और अभी इस संख्या में काफी इजाफा होने का अनुमान है. देश विदेश से भारत के दूर दराज के इलाकों से श्रद्धालु इस महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए आ रहे हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों से ज्यादातर यात्री ट्रेन के जरिए आ रहे हैं.
भारतीय रेलवे की ओर से इन यात्रियों के लिए बहुत सारी स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं. लेकिन यात्रियों की संख्या ज्यादा है और ट्रेनों की कम. इस वजह से बहुत से लोगों को मायूस होकर वापस जाना पड़ रहा है. कई यात्रियों की टिकट वेटिंग में है.
ऐसे में उन यात्रियों के मन में यह सवाल भी आ रहा है. क्या वेटिंग टिकट होने के बावजूद भी ट्रेन में चढ़ा जा सकता है और प्रयागराज पहुंचा जा सकता है. इसके लिए क्या है नियम. तो चलिए आपके बताते हैं इन नियमों के बारे में.
दरअसल ट्रेन में सफर को लेकर भारतीय रेलवे ने कई नियम तय किए है. इन नियमों का पालन ट्रेन में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को करना होता है. जो इन नियमों का पालन नहीं करता है. उसके लिए जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान है.
भारतीय रेलवे में वेटिंग टिकट को लेकर के भी नियम है. बता दें कोई भी यात्री वेटिंग टिकट लेकर किसी भी आरक्षित कोच में सफर नहीं कर सकता. इतना ही नहीं अगर वह जनरल कोच में सफर करना चाहता है तो उसके लिए उसे जनरल की टिकट खरीदनी होगी.
वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करते हुए पाए जाने पर रेलवे अधिनियम के नियमों के मुताबिक टीटीई जिस कोच में यात्री को पकड़ा गया और जिस स्टेशन पर पकड़ा गया है. उसके आधार पर जुर्माना लगा सकता है. बता दें स्लीपर कोच के लिए 250 रुपए तो एसी कोच के लिए 440 रुपए का फाइन लगेगा. इसके अलावा किराए अलग से देना पड़ेगा.