कार पर हूटर लगाने का किन लोगों को है अधिकार? ऐसा करने पर इतने का होता है चालान
6 साल पहले केंद्र सरकार की ओर से मंत्री अफसर समेत सभी जनप्रतिनिधियों के वाहनों पर हूटर लगाने के नियम को बंद कर दिया गया था. इसके बाद से ही इन गाड़ियों पर हूटर लगे बंद हो गए थे. सिर्फ कुछ ही वाहनों को हूटर लगाने लगाने की छूट दी गई थी.
बता दें हूटर से काफी तेज स्तर पर आवाज निकलती है और ऐसे में सामान्य तौर पर उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 के तहत इस तरह का कोई भी हार्न किसी वाहन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
लेकिन पहले वीआईपी लोगों को इसकी इजाजत थी. पर केन्द्र सरकार के आदेश के बाद अब वीआईपी लोगों के वाहनों पर भी हूटर लगाना बंद कर दिया गया था. हूटर लगाने की इजाजत सिर्फ आपातकालीन सेवा में इस्तेमाल होने वाले वाहन जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस के वाहन शामिल हैं.
इन वाहनों के अलावा अगर और कोई हूटर इस्तेमाल करता हुआ पाया जाता है. तो फिर उस पर कार्रवाई की जा सकती है. अगर कोई इन नियमों के खिलाफ जाकर अपने वाहन पर हूटर लगाता है. तो उस पर 5000 रुपये तक का चालान किया जा सकता है.
केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 का नियम 119(3) में तहत इन वाहनों को हूटर और साइरन के लिए छूट दी गई है. जिसमें एंबुलेंस, फायर बिग्रेड, आपातकालीन सेवा में चलने वाली गाड़ी और परिवहन विभाग के अफसरों की गाडिय़ां शामिल हैं.
हूटर के अलावा प्रेशर हॉर्न, ब्लैक फिल्म, फ्लैशर लाइट और मोडिफाइड साइलेंसर लगाना केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के खिलाफ है. ऐसा करने पर भी जुर्माना भरना पड़ सकता है. इसीलिए वाहन चलाते वक्त इन नियमों का ध्यान रखना काफी जरूरी है.