बेटी के रिश्ते के लिए ढूंढ रहे हैं योग्य वर तो जरुर जान लें ये बात
माता पिता अपनी बेटी के लिए अच्छा जीवनसाथी तलाशने में कोई कसर नहीं छोड़ते. ‘अच्छे वर’ की परिभाषा व्यक्ति विशेष के विचारों के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. अगर आप चाहते हैं कि बेटी शादी के बाद खुशहाल वैवाहिक जीवन जीए तो उसका जीवनसाथ इन मापदंड़ो को ध्यान में रखते हुए तलाशें.
चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति की सूरत नहीं उसकी सीरत में ही उसकी असली सच्चाई छिपी होती है. इसलिए बेटी के लिए योग्य वर ढ़ंढते समय लड़के की सोच दूसरों के प्रति कैसी है इस पर जरुर गौर करें. वह व्यवहार दूसरों के लिए कैसा है ये भी देखें.
वैवाहिक जीवन तभी लंबे समय तक खुशहाल रहता है जब उसमें तेरा-मेरा, ऊंच-नीच नहीं ‘हम’ और सम्मान की भावना हो.
रामचरित मानस के अनुसार जानी प्रिया आदरू अति कीन्हा, बाम भाग आसनु हर दीन्हा. इस चौपाई का अर्थ है - पार्वती जी को अपना परमप्रिय मानते हुए भगवान शिव ने उनका सम्मान किया, और अपने बराबरी में बायीं ओर उन्हें बैठने के लिए आसन दिया.
लाडली के लिए ऐसे वर ढ़ढे जो लड़कियो को अपने से कमतर न आंकता हो या उसकी सोच लड़कियों को एक निश्तित दायरे में बंधकर रखने वाली न हो. रिश्तों में बराबरी और सम्मान बहुत जरुरी है.
बेटी के लिए वर तलाशते समय लड़के की काबिलियत पर गौर करें. क्योंकि वैवाहिक जीवन में जिम्मेदारियों की लिस्ट बढ़ती जाती है, इसमें लड़की के साथ लड़के का योगदान भी महत्वपूर्ण है तभी दांपत्य जीवन की गाड़ी पटरी पर चलती है. ये भी देखें कि वो रिश्तों के प्रति कितना ईमानदार और निस्वार्थ है.