फ्लाइट में सफर करने से पहले जान लें ये अधिकार, लेट होने पर मिलती हैं इतनी सुविधाएं
फ्लाइट लेट होने की स्थिति में यात्रियों को परेशानी, खर्च और तनाव का सामना करना पड़ता है. यात्रियों की परेशानी को देखते हुए DGCA यानी महानिदेशक नागरिक उड्डयन ने साल 2019 में सख्त नियम बनाए. इन नियमों के मुताबिक यात्रियों को कुछ अधिकार दिए गए हैं.
अगर कोई फ्लाइट 6 घंटे लेट होती है तो एयरलाइंस को यात्रियों को ऑप्शनल फ्लाइट या पूरा रिफंड देना होता है. वहीं 24 घंटे या उससे ज्यादा देरी पर होटल और खाने की जिम्मेदारी भी कंपनी की होती है. अगर यात्री तय समय पर एयरपोर्ट पहुंचकर चेक इन कर चुका है और इसके बाद फ्लाइट लेट होती है.
तो एयरलाइंस मुआवजा देना होता है. उड़ान की ड्यूरेशन के हिसाब से सुविधाएं तय की गई हैं. 2.5 घंटे की फ्लाइट 2 घंटे लेट हो, 5 घंटे की फ्लाइट 3 घंटे लेट हो या लंबी उड़ान 4 घंटे लेट हो, तो फिर खाना और स्नैक्स फ्री देने होंगे.
घरेलू फ्लाइट अगर 6 घंटे से ज्यादा लेट होती है तो एयरलाइंस को इसकी जानकारी 24 घंटे पहले देनी जरूरी है. इसके अलावा यात्रियों को दो ऑप्शन दिए जाते हैं. या तो दूसरी फ्लाइट की व्यवस्था की जाए या फिर टिकट के पूरे पैसे वापस किए जाएं.
यह नियम यात्रियों को गैर जरूरी इंतजार और कंफ्यूजन से बचाने के लिए बनाया गया है. अगर फ्लाइट 24 घंटे से ज्यादा लेट हो जाती है तो एयरलाइंस को यात्रियों के लिए होटल में रुकने और खाने की व्यवस्था करनी होती है. यही नियम रात 8 बजे से सुबह 3 बजे के बीच उड़ने वाली फ्लाइट पर भी लागू होता है.
अगर देरी 6 घंटे से ज्यादा हो. ऐसे मामलों में यात्री एक्सट्रा खर्च के लिए मजबूर नहीं किए जा सकते. अगर फ्लाइट कैंसिल कर दी जाती है तो DGCA के नियमों के अनुसार एयरलाइंस को कम से कम दो हफ्ते पहले सूचना देनी चाहिए. इसके साथ ही यात्रियों को ऑप्शनल फ्लाइट या पूरा रिफंड देना जरूरी है.