कोई भी ठग आपको नहीं कर पाएगा डिजिटल अरेस्ट, बस आजमा लें ये टिप्स
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अब लोगों के साथ खूब धोखाधड़ी भी हो रही है. पिछले कुछ सालों से देखा जाए तो साइबर धोखाधड़ी के बहुत से मामले सामने आ रहे हैं. इसमें ठगी करने वाले लोगों ने नया तरीका भी ढूंढा है. जिसे डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है.
डिजिटल अरेस्ट एक नए तरह का स्कैम हैं. इसमें जिस शख्स के साथ ठगा जाता है. उसे वीडियो कॉल के जरिए कांटेक्ट करके डराया धमकाया जाता है और घंटे तक बल्कि कई केस में कई दिनों तक घर पर ही बिठाया जाता है. और इसी तरीके को डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है.
डिजिटल अरेस्ट में स्कैमर्स वीडियो कॉल में पुलिस स्टेशन का बैकग्राउंड बनाकर और पुलिस की वर्दी पहन कर डराते हैं और आखिर में कई बार पीड़ित से मोटी रकम ऐंठ लेते है. पीड़ित शख्स को इस दौरान पता ही नहीं चलता है कि उसे स्कैम करके फंसाया गया है.
आपको इस तरह को स्कैमर्स से बचने के लिए कुछ बातों का खास तौर पर ध्यान रखना होता है. जब कोई आपको पुलिस वाला बनाकर या किसी भी सरकारी एजेंसी वाला बनाकर कॉल करता है और आपको लीगल कार्रवाई करने की धमकी देता है. तो आप तुरंत पुलिस स्टेशन जाएं और वहां जाकर कंप्लेंट दर्ज करवाएं. क्योंकि कोई भी पुलिस वाला और कोई भी सरकारी एजेंसी से जुड़ा अधिकारी कभी आपको धमकी नहीं देगा
इस तरह के किसी काॅल पर कभी भी आपको सामने वाले स्कैमर की बात नहीं माननी है. और ना ही उसे किसी तरह की जानकारी देनी है. इस दौरान अगर वह आपके फोन नंबर पर कोई लिंक भी भेजता है. तो उस पर क्लिक भी नहीं करना है.
ऐसी किसी भी स्थिति में आप भारत की नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. इसके अलावा आप नेशनल साइबर क्राइम की आधिकारिक वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर के भी अपनी कंप्लेंट दर्ज करवा सकते हैं.