13 साल की उम्र में करने लगा था काम, मिलता था एक टाइम का खाना और 35 रुपये महीना पगार, रूला देगी इस एक्टर की कहानी
दरअसल हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं नाना पाटेकर हैं. नाना पाटेकर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी गरीबी भरी परवरिश के बारे में खुलकर बात की है. उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने 13 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था.
दरअसल एक्टर ने उत्कर्ष शर्मा और गदर 2 के निर्देशक अनिल शर्मा के साथ अपनी अपकमिंग रिलीज़ - वनवास का प्रमोशन करते हुए खुलासा किया कि उनकी सिचुएशन ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला, जिससे उन्हें बहुत तेजी से बड़ा होना पड़ा.
बता दें कि सिद्धार्थ कन्नन को दिए एक इंटरव्यू के दौरान नाना पाटेकर ने कहा, मैंने 13 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था. इसलिए मैं जीवन में बहुत कम उम्र में 30 साल का हो गया था.
नाना पाटेकर 13 साल की उम्र में स्कूल से आने के बाद रोज 8 किलोमीटर पैदल चलकर चूना भट्टी काम करने के लिए जाते थे. वह फिल्मों के पोस्टर्स को पेंट करने का काम करते थे. फिर 8 किलोमीटर चलकर वापस घर आते थे. उन्हें काम के बदले हर महीने 35 रुपये मिलते थे और वे इन पैसों से वह अपने घर का खर्च उठाते थे.
नाना ने बताया, मुझे दिन में एक बार भोजन मिलता था और हर महीने केवल 35 रुपये मिलते थे. हालांकि तमाम मुसीबत के बावजूद पाटेकर अपने काम और शिक्षा के बीच बैलेंस बनाते हुए डटे रहे. एक्टर ने कहा, “मैं दिन में काम करता था और फिर स्कूल भी जाता था. मैं 9वीं क्लास में था.''
नाना पाटेकर ने आगे कहा, “तो मुझे लगता है कि आपके हालात (परिस्थितियाँ) आपकी उम्र तय करती हैं.” उन्होंने कहा,“लेकिन एक समय के बाद, मैंने अपनी स्थिति को मेरी उम्र तय नहीं करने दी. अब मैं अपनी उम्र तय करता हूं- 18, 19... मैं उतना बूढ़ा हूं जितना मैं होना चाहता हूं.''
उन्होंने कहा, मुझे हंसी मजाक के सिवा और कुछ सूझता नहीं, पाटेकर ने आगे कहा, ''मैं मौत से नहीं डरता, जब मरना है तो निकलूंगा.''
बता दें कि नाना ने अपने करियर में हर तरह को रोल निभाए हैं. उन्होंने संजीदा से लेकर रोमांटिक और नेगिवेट के साथ कॉमिक रोल में भी अपना लोहा मनवाया है.
उन्होंने 1978 में आई फिल्म गमन से एक्टिंग करिय़र की शुरुआत की थी. लेकिन उन्हें परिंदा से पहचान मिली थी. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था.